रांची। झारखंड में नशे के कारोबारियों के खिलाफ गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की तैयारी हो रही है। इस संबंध में झारखंड सीआईडी की टीम ने पुलिस मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा है। एनडीपीएस के केस में जेल में बंद आरोपियों पर भी गुंडा एक्ट लगाने से उनपर नकेल कसने में मदद मिलेगी।
झारखंड के अलग-अलग जेलों में बंद संगठित अपराधिक गिरोह के सदस्यों के खिलाफ पुलिस अब तक सीसीए यानि गुंडा एक्ट लगाकर निरोधात्मक कार्रवाई करती है। लेकिन राज्य में अब नशे के कारोबारियों पर भी गुंडा एक्ट लगाने की तैयारी है। सीआईडी मुख्यालय की ओर से एनडीपीएस के केस में जेल में बंद आरोपियों पर भी गुंडा एक्ट लगाने का प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय को भेजा गया है। राज्य में अब तक एनडीपीएस के केस के आरोपियों के खिलाफ सीसीए एक्ट के तहत कार्रवाई नहीं होती थी।
राज्य सीआईडी मुख्यालय की ओर से भेजे गए प्रस्ताव के मुताबिक एनडीपीएस एक्ट के केस में जेल में बंद आरोपियों के खिलाफ सीसीए के तहत कार्रवाई के लिए सचिव रैंक के अधिकारी का अनुमोदन का प्रस्ताव है। सीसीए के प्रस्ताव पर सचिव स्तर के अधिकारी के अनुमोदन के बाद ही इस संबंध में हाई कोर्ट को प्रस्ताव भेजा जाएगा। वर्तमान में आपराधिक कांडों में जेल में बंद आरोपियों पर सीसीए लगाने के प्रस्ताव का अनुमोदन जिले के डीसी की ओर से किया जाता है। उसके बाद हाई कोर्ट की कमेटी की सहमति के बाद आरोपी के खिलाफ सीसीए के तहत कार्रवाई की जाती है।
नशे के कारोबारियों के खिलाफ अगर गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई होगी, तो कई तरह के फायदे होंगे। पहला अगर नशे के कारोबार में लिप्त कोई व्यक्ति अगर जेल में बंद है, तो उसे अगले एक साल तक जमानत नहीं मिलेगी। वहीं अगर वह जेल से बाहर है, तो उसे पुलिस तड़ीपार कर सकती है या फिर थाने में हाजिरी लगाने का आदेश जारी कर सकती है।
बीते दिनों डीजीपी नीरज सिन्हा ने भी संगठित अपराध समेत अन्य मसलों पर जिलों के एसपी और जोनल डीआईजी के साथ बैठक की थी। बैठक के बाद सीआईडी को भी कई महत्वपूर्ण टास्क दिए गए थे।