Good News : भारत गौरव ट्रेन कराएगी देश की सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक स्थलों के दर्शन

देश नई दिल्ली मुख्य समाचार
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नई दिल्‍ली देश की सांस्कृतिक विरासत एवं ऐतिहासिक स्थलों के दर्शन करने के इच्‍छुक लोगों के लिए अच्‍छी खबर। रेल मंत्रालय ‘भारत गौरव ट्रेनों’ की शुरुआत कर रहा है। इसकी घोषणा रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 23 नवंबर को प्रेस को दी। उन्‍होंने विषय आधारित पर्यटक सर्किट ट्रेनों भारत गौरव ट्रेन शुरू करने की घोषणा की है।

मंत्री ने कहा कि इन ट्रेनों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत और दुनिया के लोगों को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत व भव्य ऐतिहासिक स्थल दिखाने का विजन साकार करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र के पेशेवरों की मुख्य क्षमता टूरिस्ट सर्किट्स के विकास/ पहचान और भारत की व्यापक पर्यटन संभावनाओं के दोहन के लिए विषय आधारित ट्रेनें चलाने में सहायक होगी।

कार्य क्षेत्र

सेवा प्रदाता सिख संस्कृति के अहम स्थलों को कवर करने के लिए गुरु कृपा ट्रेन, भगवान श्रीराम से जुड़े स्थानों के लिए रामायण ट्रेन आदि जैसे विषय निर्धारित करने के लिए स्वतंत्र होंगे।

सेवा प्रदाता पर्यटकों को रेल यात्रा, होटल विश्राम, दृश्य देखने की व्यवस्था, ऐतिहासिक/ विरासत स्थलों का भ्रमण, टूर गाइड आदि सहित सभी समावेशी पैकेज की पेशकश करेगा।

प्रदान की जाने वाली सेवाओं के स्तर पर आधारित पैकेज की लागत निर्धारित करने के लिए पूरा लचीलापन।

ग्राहकों के लिए लग्जरी, बजट आदि विभिन्न खंडों के कोचों का विकल्प।

विषय आधारित कोचों के डिजाइन/ आंतरिक साज सज्जा के लिए स्वतंत्र।

ट्रेन के भीतर और बाहर दोनों जगह ब्रांडिंग और विज्ञापन के लिए अनुमति।

ट्रेन संयोजन में 2 एसएलआर (गार्ड वैन) सहित 14 से 20 कोच शामिल होंगे।

प्रक्रिया

एक स्टेप वाली आसान पारदर्शी ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया। पंजीकरण शुल्क मात्र 1 लाख रुपये।

सभी पात्र आवेदकों को कोचों का आवंटन उपलब्धता पर निर्भर है। रैक सिक्यूरिटी डिपॉजिट टाइम और डेट के आधार पर प्राथमिकता दी जाएगी। रैक सिक्योरिटी डिपॉजिट 1 लाख रुपये प्रति रैक है।

वैयक्तिक, भागीदार कंपनी, कंपनी, सोसायटी, ट्रस्ट, जेवी/कंसोर्टियम (अनइन्कॉरपोरेटेड / इन्कॉपोरेटेड) पात्र हैं।

सेवा प्रदाता के लिए अपना व्यावसायिक मॉडल तैयार करने की नीति में राइट टू यूज चार्जेस और हॉलेज चार्जेस अधिसूचित कर दिए गए हैं।

राइट टू यूज अवधि

2 से 10 वर्ष।

ग्राहक सहायता

सेवा प्रदाता को सहायता और इस योजना के सुगम कार्यान्वयन के लिए क्षेत्र में ग्राहक सहायता इकाइयां शुरू कर दी गई हैं।