इस शुभ मुहूर्त में करें भाई का तिलक, जानें पूजा- विधि और पौराणिक कथा

झारखंड
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रांची। भाई दूज का त्योहार इस साल 6 नवंबर 2021, दिन शनिवार को है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितिया तिथि पर भाई दूज का पावन पर्व मनाया जाता है। इस दिन बहने भाईयों का तिलक करती हैं और फिर आरती उतारती हैं। इस दिन भाई को तिलक करने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 10 मिनट से दोपहर 3 बजकर 21 मिनट तक है। शुभ मुहूर्त की कुल अवधि 2 घंटे 11 मिनट की है।

* पूजा विधि-*

इस दिन भाई को घर बुलाकर तिलक लगाकर भोजन कराने की परंपरा है। भाई के लिए पिसे हुए चावल से चौक बनाएं। भाई के हाथों पर चावल का घोल लगाएं। भाई को तिलक लगाएं। तिलक लगाने के बाद भाई की आरती उतारें। भाई के हाथ में कलावा बांधें। भाई को मिठाई खिलाएं। मिठाई खिलाने के बाद भाई को भोजन कराएं। भाई को बहन को कुछ न कुछ उपहार में जरूर देना चाहिए।

* पौराणिक कथा*

भैया दूज को भातृ द्वितीया भी कहते हैं। इस त्योहार का भाई-बहन के प्रगाढ़ संबंध में विशेष महत्व है। भाई दूज पर बहनें भाइयों के दीर्घायु व स्वस्थ होने की मंगल कामना करती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान सूर्य की पत्नी छाया को दो संतान यमराज और यमुना थी। यमुना अपने भाई यमराज से बड़ा स्नेह करती थी। बराबर अपने घर भोजन करने का आमंत्रण देती थी। यमराज अपनी बहन के आमंत्रण को बार-बार अनसुना कर देते थे। कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितिया के दिन यमुना ने यमराज को वचनबद्ध कर अपने घर आने को विवश कर दिया। तब से ही भाई दूज मनाने की परंपरा है।