दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर की पत्नी पिंकी की हत्या में नया मोड़ आ गया। पुलिस ने खुलासा किया कि पिंकी की हत्या की साजिश में खुद असिस्टेंट प्रोफेसर व पति वीरेंद्र व उसका भतीजा भी शामिल था। हत्या की कड़ियों को जोड़ते हुए पुलिस ने आखिरकार सोमवार रात को असिस्टेंट प्रोफेसर पति वीरेंद्र और भतीजे गोविंद को गिरफ्तार कर लिया।
वारदात के समय घर में वीरेंद्र के 84 वर्षीय पिता व पिंकी अकेले थे। वीरेंद्र एक प्लान के तहत अपनी मां को लेकर अस्पताल गया था। ताकि अस्पताल में मेडिकल पर्ची और खुद की वहां पर मौजूदगी की आड़ में जांच की आंच उस पर न आए। इस मामले में सबसे पहले गिरफ्तार दूर के रिश्तेदार राकेश ने पूछताछ में कबूल किया कि उसने पहले पिंका का गला घोंटा, बाद में उसे करंट लगाकर मार डाला। राकेश ने बताया कि उसने वीरेंद्र के कहने पर ही पिंकी की हत्या की। वीरेंद्र पिंकी से परेशान था। इस वजह से उसने राकेश व अपने भतीजे गोविंद को पिंकी की हत्या के लिए कहा। वारदात के समय जानबूझकर वीरेंद्र मां को अस्पताल ले गया था। इसके बाद पुलिस ने वीरेंद्र व गोविंद को गिरफ्तार कर लिया।
दरअसल वीरेंद्र और पिंकी की फरवरी में शादी हुई थी। उस समय पिंकी के परिजनों ने सगाई के समय पांच लाख का चेक दिया था जो बाउंस हो गया था। वीरेंद्र और पिंकी के बीच अनबन रहने लगी। चूंकि राकेश वीरेंद्र का एहसान मानता था, इसलिए उसने पिंकी की हत्या करने की बात की। वीरेंद्र को बस इतना करना था कि राकेश के जेल जाने के बाद उसके परिवार का ख्याल रखने के अलावा उसकी जमानत करवानी थी। वहीं गोविंद ने पिंकी और वीरेंद्र का रिश्ता करवाया था, इसलिए वह भी वारदात में शामिल हुआ। दरअसल जांच में निकल कर आया है कि राकेश पहले वीरेंद्र के मकान की छत पर बने कमरे में रहता था।
वीरेंद्र ने राकेश को एक कैब खरीदकर दी हुई थी। उसे चलाकर राकेश खुद का खर्चा और कुछ पैसे वीरेंद्र को देता था। वीरेंद्र की जब शादी हुई तो अगस्त में आते ही पिंकी ने राकेश व उसके परिवार को निकालकर उनसे टैक्सी भी वापस ले ली थी। वहीं राकेश ने जो पैसे वीरेंद्र को दिए थे, वह भी पिंकी देने से इंकार कर रही थी। इस वजह से राकेश ने पिंकी की हत्या कर दी।