देवघर। भारतीय जनता पार्टी के गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे पर एफआईआर दर्ज कर देवघर के उपायुक्त (डीसी) मंजूनाथ भजंत्री फंस गये हैं। चुनाव आयोग ने डीसी को शो-कॉज किया है। उनसे चुनाव होने के छह माह बाद एफआईआर दर्ज करने की वजह पूछी है।
चुनाव आयोग ने डीसी को सांसद निशिकांत दुबे पर एक ही दिन में 5 थानों में एफआईआर दर्ज कराने के मामले में शो-कॉज किया है। आयोग ने डीसी से पूछा है कि आदर्श आचार संहिता उल्लंघन मामले में सांसद पर 6 महीने की देरी से क्यों एफआईआर दर्ज कराई गई है?
आयोग ने डीसी से पूछा कि आखिर मौखिक तौर बीडीओ से केस दर्ज कराने के लिए किस आधार पर कहा गया? जहां आचार संहिता लागू नहीं था, उस क्षेत्र के थानों में भी केस क्यों दर्ज कराये गयक? यह भी बताने को कहा है कि एफआईआर करने से पहले आयोग को इसकी सूचना क्यों नहीं दी गई?
बतातें चलें कि मधुपुर उपचुनाव के दौरान देवघर के डीसी मंजूनाथ भजंत्री ही थे। चुनाव संपन्न होने के बाद मतदान से पहले आयोग ने उन्हें हटा दिया था। उनकी जगह नैन्सी सहाय को डीसी बनाने का आदेश दिया था। चुनाव आयोग के आदेश का पालन सरकार ने किया था। हालांकि रिजल्ट निकलने के तुरंत बाद फिर उन्हें देवघर का डीसी बना दिया गया।