हंगरी। दोनों पैर ट्रेन से कट गये थे। इसके बाद उसने इंश्योरेंस के पैसे देने के लिए क्लेम किया। पैसा मिलने की जगह उसे जेल हो गई। जुर्माना भी अलग से लगा। यह मामला हंगरी का है।
यह घटना साल 2014 की है। इसका खुलासा अब हुआ है। हंगरी के न्यिरकसजारी गांव का रहने वाला सैंडर नामक व्यक्ति के दोनों पैर ट्रेन से कट गये। इसके बाद उसने नकली पैर लगवाए। अपने पैसे लेने के लिए इंश्योरेंस कंपनी से क्लेम किया। यह राशि 24 करोड़ रुपये थी।
पैसा के लिए क्लेम आने के बाद इंश्योरेंस कंपनी ने फील्ड चेक कराया। जांच में पता चला कि बीमा के पैसे पाने के लिए सैंडर ने जानबूझकर अपना एक्सीडेंट कराया था। उसने खुद ही चलती ट्रेन के आगे छलांग लगाई थी। इतना ही नहीं, सैंडर ने सारे इंश्योरेंस एक साल के अंदर कराये थे।
इस मामले में डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने 9 नवंबर को अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि सैंडर ने इंश्योरेंस के पैसे निकालने के लिए जानबूझकर अपना एक्सीडेंट कराया था। हालांकि सैंडर ने दावा किया कि वह कांच के टुकड़े पर फिसलकर अपना संतुलन खो बैठा था और ट्रेन की पटरी पर गिर गया। इस हादसे में उसके दोनों पैर कट गए।
सात साल तक चलने वाली जांच ने निष्कर्ष निकाला है कि वह जानबूझकर ट्रेन के आगे लेट गया था। इससे उसके पैर कट गए। इस धोखाधड़ी के लिए सैंडर को दो साल कैद के साथ 4 लाख 71 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।