इनामी नक्सली प्रशांत बोस की गिरफ्तारी के विरोध में 20 नवंबर को भारत बंद

झारखंड मुख्य समाचार
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रांची। एक करोड़ का इनामी नक्सली कमांडर प्रशांत बोस की गिरफ्तारी के विरोध में माओवादियों ने 20 नवंबर को भारत बंद बुलाया है। वे 15 से 19 नवंबर तक प्रतिरोध दिवस मना रहे हैं। इसे लेकर पुलिस सतर्क हो गई है।

जानकारी हो कि पुलिस ने एक करोड़ के इनामी नक्सली कमांडर प्रशांत बोस (71) उर्फ किशन दा और उसकी पत्नी शीला मरांडी को जमशेदपुर से 12 नवंबर को गिरफ्तार कि‍या था। प्रशांत बोस माओवादियों का पोलित ब्यूरो सदस्य है। प्रशांत बोस झारखंड-बिहार में माओवादियों का सुप्रीम कमांडर है।

सरायकेला पुलिस ने रविवार को प्रशांत बोस, उनकी पत्नी शीला समेत चार अन्य साथियों वीरेंद्र हांसदा, राजू टूडू, कृष्णा बाहदा एवं गुरुचरण बोदरा को भारी सुरक्षा के बीच सदर अस्पताल लाई थी। अस्पताल में बारी-बारी से सभी की मेडिकल जांच कराई गई। इसमें प्रशांत बोस मानसिक व शारीरिक रूप से दुरुस्त पाए गए। इसके बाद उनको मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में पेश किया गया। वहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। सिमडेगा पुलिस प्रशांत बोस को रिमांड पर लेने के लिए न्यायालय में अपील करेगी।

बतातें चलें कि किशन दा जहां रहता था, संगठन के लोग वहां से पांच किमी दूर तक लैंडमाइंस का जाल बिछा दिया करते थे। उसकी सुरक्षा की अधिकतर जिम्मेदारी कर्मचंद हांसदा उर्फ चमन उर्फ लंबू ने थाम रखी थी। किशन दा उर्फ प्रशांत बोस करीब पांच दशक से झारखंड, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा व बिहार सहित अन्य राज्यों में भी संगठन का विस्तार करता रहा। साथ ही पुलिस बलों पर बड़े हमले में भी वह शामिल रहा है।