ग्रामीण स्तर पर गौण हो रहे क्षमतावान फसलों की खेती को बढ़ावा दे रहा बीएयू

कृषि झारखंड
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  • ग्रामीण स्तर पर पंखिया सेम पर मनाया गया फील्ड डे

रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशालय अधीन संचालित आईसीएआर अखिल भारतीय समन्वित क्षमतावान फसल विकास शोध परियोजना कार्यरत है। इस परियोजना के अधीन चालु रबी मौसम में ग्रामीण स्तर पर गौण हो रहे क्षमतावान फसलों की खेती को बढ़ावा देने की पहल की जा रही है। इस सबंध में विवि के आनुवांशिकी एवं पौधा प्रजनन विभाग के वैज्ञानिक दल ने रांची जिले के चान्हो प्रखंड स्थित बयासी एवं कुलु गांव का दौरा कर खरीफ फसल पंखिया सेम पर फील्ड डे आयोजित किया।

मौके पर परियोजना अन्वेंषक डॉ जयलाल महतो ने किसानों को बताया कि झारखंड के लिए उपयुक्त क्षमतावान एवं गौण फसलों में रामदाना, बथुआ, खेकसा एवं कुल्थी का महत्वपूर्ण औषधीय उपयोग है। रामदाना, बथुआ, राजमूंग एवं पंखिया सेम पोष्टिक गुणों से युक्त फसलें है। इन फसलों की गुणवत्ता एवं उन्नत खेती तकनीक को अपनाकर किसान अधिक लाभ अर्जित कर सकते है।

डॉ महतो ने कहा कि पंखिया सेम एक तरह का दलहनी सब्जी है, जिसके फली, बीज, फूल, तना तथा जड़ को भोज्य पदार्थ के रूप में उपयोग किया जाता है। स्थानीय किसान अपनी आंगन-बाड़ी में और खेतों में उन्नत तकनीकी से अधिक उपज एवं आय प्राप्त कर सकते है। बताते चले कि गत खरीफ मौसम में परियोजना के अधीन दोनों गावों के 50 किसानों के खेत में पंखिया सेम पर सफल खेती की गई, जिसका परिणाम काफी उत्साहवर्धक पाया गया।

गांव में आयोजित फील्ड डे में वैज्ञानिक दल ने क्षमतावान फसलों में पंखिया सेम, रामदाना एवं बथुआ की महत्ता एवं उन्नत खेती पैकेज के बारे में बताया। डॉ कृष्णा प्रसाद ने किसानों को रामदाना और बथुआ की उन्नत खेती तकनीकी से अवगत कराया। कहा कि तेजी से वृद्धि करने वाली रामदाना एक बहुउपयोगी फसल है। प्रदेश में इसकी खेती की काफी संभावना है। इसका प्रयोग बीज, चारा, सब्जी और औषधि‍ के रूप में की जाती है। बथुआ की खेती तकनीक की जानकारी देते हुए बताया कि बथुआ गेहूं के खेत में उगने वाला सामान्य खरपतवार है। इसके पोष्टिक गुणों को देखते हुए हरी सब्जी के रूप में इसकी खेती से किसान बढ़िया लाभ अर्जित कर सकते है।

उपनिदेशक अनुसंधान डॉ सीएस महतो ने चालु रबी मौसम में दलहनी सब्जी फसल बाखला की उन्नत खेती तकनीक की जानकारी दी। उन्नत बीज किस्मों के प्रयोग से अधिक उपज लेने की सलाह दी।

इस अवसर पर परियोजना के तहत अग्र पंक्ति प्रत्यक्षण के लिए बयासी एवं कुलु गांव के 40 आदिवासी किसानों को पंखिया सेम, रामदाना एवं बथुआ के उन्नत बीज एवं अन्य उपादान का वितरण किया गया। मौके पर स्थानीय मुखिया, उप मुखिया, वार्ड सदस्य एवं कृषि मित्र भी मौजूद थे।