अवनीश कुमार
फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश)। भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच ऐतिहासिक पांचाल घाट पर हजारों भक्तों ने गंगा स्नान किया। सुबह से ही गंगा स्नान चालू हो गया। सैकड़ों की तादात में भक्त गंगा तट पर पहुंचकर गंगा में स्नान करने के बाद दान पुण्य किया। भारी भीड़ के चलते रास्ते में और पुल पर जाम की स्थिति पैदा हो गई। गंगा की ओर जाने वाले दोनों रास्तों पर दोपहर बाद तक भारी गहमा गहमी देखी गयी।
कार्तिक पूर्णिमा पर पांचाल घाट स्थित गंगा में भक्तों ने डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया। घाट के किनारे सत्यनारायण की कथा की गई। कुछ लोगों ने बच्चों के मुंडन संस्कार भी कराए। जाम से बचने के लिए पुलिस के पुख्ता बंदोबस्त रहे। कोरोना ने गंगा तट पर जुटने वाली भीड़ पर ब्रेक लगा दी।
पांचाल घाट पर सुबह चार बजे से ही संत और घाट के आसपास रहने वाले भक्तों ने हर-हर गंगे के उद्घोष के साथ स्नान शुरू किया। छह बजे कुछ भीड़ बढ़ी। जैसे-जैसे समय बढ़ता गया, गंगा स्नान करने वालों की संख्या कम हो गई। पांचाल घाट चौराहा, पुल और गंगा के दूसरी तरफ बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा।
दूरदराज से गंगा स्नान करने परिवार के साथ पहुंचे लोगों ने भागीरथी की धार में मोटर नाव से सैर सपाटा किया। दिन भर नावें गंगा के दोनों घाटों की तरफ जाती रहीं।
उधर, ढाईघाट की पवित्र गंगा नदी पर लगने वाला मेले में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। मेले में जनपद और गैर जनपदों में कन्नौज, कानपुर, शाहजहांपुर, हरदोई, कासगंज पटियाली, एटा, कंपिल आदि से सैकड़ों की संख्या में किसान व्यापारी आते हैं। अपने-अपने पशुओं का क्रय विक्रय करते हैं।