नोआमुंडी (झारखंड)। टाटा स्टील के ओर माइंस एंड क्वैरीज (ओएमक्यू) डिवीजन ने झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के नोआमुंडी में 3000 किलोलीटर प्रतिदिन (केएलडी) क्षमता का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया है। इससे 18 सौ से अधिक परिवारों को पीने का शुद्ध पानी मिलेगा।
इसका उद्घाटन अवनीश गुप्ता, वाइस प्रेसिडेंट (टीक्यूएम ऐंड इंजीनियरिंग ऐंड प्रोजेक्ट्स) और डीबी सुंदर रामम, वाइस प्रेसिडेंट (रॉ मैटेरियल्स) ने संयुक्त रूप से अतुल कुमार भटनागर, जेनेरल मैनेजर (ओएमक्यू डिवीजन), कमलेश महतो, अध्यक्ष नोआमुंडी मजदूर यूनियन समेत अन्य वरीय अधिकारी और यूनियन के सदस्यों की उपस्थिति में किया।
सुंदर रामम ने कहा, ‘टाटा स्टील इन्वायर्नमेंटल सस्टेनेबिलिटी के लिए प्रतिबद्ध है। यह वाटर ट्रीटमेंट प्लांट इस दिशा में हमारा एक और प्रयास है। पानी का ‘रिड्यूस, रियूज, रिसाइकल’ हमारे परिचालन के क्षेत्रों में और इसके आसपास पानी की आवश्यकता को पूरा करने में हमारी मदद कर सकता है। टाटा स्टील में सस्टेनेबल डेवलपमेंट और ग्रोथ हमेशा हमारे व्यापार दर्शन का एक अभिन्न अंग रहा है।‘
अत्याधुनिक तकनीक से निर्मित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट जोजो नहर से 3000 केएलडी पानी का उपचार करेगा। नोआमुंडी और इसके आसपास रहने वाले लगभग 1800 परिवारों के साथ-साथ संग्रामसाही, काटामाटी, जोजो कैंप और हॉस्पीटल एरिया समेत नोआमुंडी के समुदायों की पेयजल जरूरत को पूरा करेगा। ओएमक्यू डिवीजन की आगामी विस्तार योजनाओं के लिए पानी की बढ़ी हुई आवश्यकता को ध्यान में रख कर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को डिजाइन किया गया है। इस परियोजना में नोआमुंडी इकोसिस्टम के अंदर ट्रीटमेंट प्लांट से डिस्चार्ज हेडर तक नई वितरण पाइपलाइन (16 किलोमीटर) बिछाना भी शामिल है।
इनटेक पंपों और पाइपलाइन के माध्यम से नहर का अशुद्ध पानी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में ले जाया जायेगा। उसे जलाशय में जमा किया जायेगा। अशुद्ध पानी की केमिकल डोजिंग के बाद संग्रहण की प्रक्रिया सक्रिय हो जाती है, जिसके बाद, प्रेशर सैंड फिल्टर और मैंगनीज ऑक्साइड फिल्टर के माध्यम से पानी को फिल्टर किया जाता है। फिल्टरेशन की प्रक्रिया के दौरान उत्पन्न अपशिष्ट पानी को एक गड्ढे में एकत्र किया जाएगा। इसका उपयोग बागवानी के लिए किया जाएगा।