- बिहार की तरह झारखंड में बनें मछुआ आयोग
- हर जिले में मत्स्य शिकायत कोषांग खोला जाए
रांची। झारखंड एसोसिएशन ऑफ फिशरीज सोसाइटी और राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद ने गंभीर खुलासा किये हैं। झारखंड में मछुआ आयोग का गठन करने की मांग की है। संगठन का एक प्रतिनिधिमंडल श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता से मंगलवार को मिला। उन्हें मांग पत्र सौंपा और दो मांगें रखीं। शिष्टमंडल का नेतृत्व राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद के रांची जिला अध्यक्ष अरविंद केवट ने किया।
शिष्टमंडल ने बिहार की तरह झारखंड में भी मछुआ आयोग का गठन करने की मांग की। साथ ही, राज्य के हर जिले में मत्स्य शिकायत कोषांग (मत्स्य कृषक हेल्प डेस्क) खोलने की व्यवस्था करने की बात कही। सदस्यों ने कहा कि इससे राज्य के मछुआरों को काफी लाभ होगा। झारखंड सरकार द्वारा मछुआरों के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सही मछुआरों तक पहुंच सकेगा।
अरविंद केवट ने बताया की मछुआरों के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं का लाभ हमारे अनपढ़ और गरीब मछुआरों तक नहीं पहुंच पा रही है। बिचौलिए इसका लाभ उठा रहे हैं। मत्स्य विभाग में कई जिलों में फर्जी मछुआरों की घुसपैठ हो चुकी है। वे सिर्फ सर्टिफिकेट दिखकर योजनाओं को लूट रहे है। परंपरागत मछुआरे अपनी दाल रोटी के लिए दिन रात मछली पकड़ने और बेचने में लगे हुए है। सर्टिफिकेट वाले फर्जी मछुआरे योजनाओं को लुटने में लगे हैं।
प्रतिनिधिमंडल ने अविलंब आयोग गठन की पहल करने और मत्स्य हेल्प डेस्क खोलने का आग्रह किया। मंत्री ने कहा कि सरकार परंपरागत मछुआरों के साथ है। मछुआरों के उत्थान के लिए हर तरह का उचित कदम सरकार उठाएगी।
प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद जिला अध्यक्ष अरविंद केवट, राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद जिला कार्यकारिणी रांची अध्यक्ष सुजीत चौधरी, चंदन प्रकाश, विनीत कुमार, राजेश चौधरी, अमित कुमार मंडल, शिवपूजन साहनी आदि शामिल थे।