यूपी। यूपी में छात्रा के अपहरण और दुष्कर्म मामले में पूर्व विधायक योगेंद्र सागर को कोर्ट ने उम्रकैद समेत 30 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी है। इस फैसले के बाद से सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है।
योगेंद्र सागर बिसौली से भाजपा विधायक कुशाग्र सागर के पिता हैं और जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकीं प्रीति सागर के पति हैं। एडीजे नौ अखिलेश कुमार की कोर्ट ने यह फैसला सुनाया और न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। मामले में घटना की रिपोर्ट पीड़िता के पिता की ओर से बिल्सी थाने में दर्ज कराई गई थी। इसमें लिखा गया था कि 23 अप्रैल 2008 को उसकी पुत्री जो बिल्सी के एक डिग्री कालेज की छात्रा है, वह समाजशास्त्र के तृतीय पाली में परीक्षा देने गयी थी, लेकिन परीक्षा देकर वापस नहीं लौटी।
काफी तलाश किया लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। इस मामले में पीड़िता की गुमशुदगी दर्ज हुई। बाद में वादी ने एक और प्रार्थना पत्र थाने में दिया जिसमें उल्लेख किया कि अब उसे जानकारी मिली है कि उसकी पुत्री को बिल्सी के तेजेंद्र सागर, मीनू शर्मा अपहरण करके ले गये हैं। इस मामले में 16 मई 2008 को पुलिस ने पीड़िता को मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन से बरामद किया। बयान के आधार पर सीबीसीआईडी ने 28 अक्टूबर 2008 को मामले में एफआर लगा दी। जिसमें 18 अगस्त 2009 को तेजेंद्र सागर, नीरज शर्मा उर्फ मीनू शर्मा और योगेंद्र सागर को कोर्ट ने तलब किया।
29 जुलाई 2010 को योगेंद्र सागर को इस मामले में हाईकोर्ट से स्टे मिला। इसके बाद पत्रावली अलग कर दी गयी। तेजेंद्र सागर और मीनू शर्मा को इस मामले में पहले ही सजा हो चुकी है। कोर्ट ने योगेन्द्र सागर को दोषी पाते हुये आजीवन कारावास समेत 30 हजार रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनायी।