नई दिल्ली। दिल्ली कमिश्नर राकेश अस्थाना ने राजधानी दिल्ली में कानून प्रवर्तन को प्रभावी और जवाबदेह बनाने के लिए कई सुधारात्मक उपाय किए हैं।
गृह मंत्रालय के परामर्श से किए गए ऑडिट के बाद दिल्ली पुलिस के 500 से अधिक कर्मियों को सुरक्षा कर्तव्यों से मुक्त कर दिया गया है। इसके अलावा पुलिसबल को युक्तिसंगत बनाने के लिए प्रत्येक पुलिस स्टेशन को यूनिट के साथ एक्टिव ड्यूटी पर तैनात कर्मियों का ब्योरा देने के निर्देश दिए गए हैं। स्पेशल सेल और लॉ एंड ऑर्डर प्रमुखों जैसी विशेष पुलिस इकाइयों के पुनर्गठन के लिए कम से कम 79 पुलिस स्टेशन प्रमुखों का ट्रांसफर किया गया है। सिक्योरिटी ऑडिट में यह पाया गया कि दिल्ली पुलिस के कुछ सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारियों के पास 24X7 निजी सुरक्षा अधिकारी हैं, जो न केवल अधिकारियों बल्कि उनकी पत्नियों और बड़े हो चुके बच्चों की भी सुरक्षा कर रहे थे।
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल का भी पुनर्गठन किया गया है और तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को इसमें शामिल करके इसे और अधिक जवाबदेह बनाया गया है। ऐसा माना जाता है कि स्पेशल सेल को वरिष्ठ अधिकरियों की जानकारी के बिना कोई भी सोलो ऑपरेशन नहीं करने के लिए कहा गया है।