केंद्र ने खाद्य तेल की कीमत में कमी सुनिश्चित करने के लिए फिर राज्यों को लिखा पत्र

देश नई दिल्ली
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  • त्योहारी सीजन के मद्देनजर दाम कम करने के लिए उठाए जा रहे हैं कड़े कदम

नई दिल्‍ली। खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग खाद्य मूल्यों पर भंडारण सीमा आदेश पर की गई कार्रवाई की समीक्षा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 25 अक्टूबर, 2021 को करेगा। इस क्रम में सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ बैठक करेगा।

डीएफपीडी सचिव सुधांशु पांडे ने राज्यों को लिखे पत्र में कहा है कि उपभोक्ताओं की राहत के लिए और त्योहारी सीजन के मद्देनजर खाद्य तेलों के मूल्य को कम करने के लिए केंद्र ने रूपरेखा तैयार की है। डीएफपीडी खाद्य तेलों के मूल्य और उपभोक्ताओं को इनकी उपलब्धता की निगरानी कर रहा है। यह आगामी त्योहारी सीजन के संदर्भ में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जिसमें खाद्य तेलों की मांग बढ़ेगी।

सचिव ने कहा है कि सरकार द्वारा इससे पूर्व ही विभिन्न कदम उठाए जा चुके हैं। सभी राज्यों और खाद्य तेल उद्योग संघों के साथ चर्चा के आधार पर भंडारण की जानकारी देने के लिए अधिसूचना जारी की गई है। डीएफपीडी ने देश में साप्ताहिक आधार पर खाद्य तेलों/तिलहन के भंडारण की निगरानी के लिए एक वेब पोर्टल बनाया है।

उपभोक्ताओं की पसंद के अनुसार विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए खाद्य पदार्थों की मांग और खपत अलग-अलग होती है। हालांकि, खाद्य तेलों और तिलहनों की भंडारण सीमा की मात्रा को अंतिम रूप देने के लिए राज्य/केंद्र शासित प्रदेश खाद्य तेलों और तिलहनों के लिए तय की गई पिछली भंडारण सीमा पर विचार/जानकारी ले सकते हैं। यह विचार किया जा सकता है कि किसी भी हितधारक (रिफाइनर, मिलर, थोक व्यापारी आदि) को भंडारण क्षमता का दो महीने से अधिक स्टॉक नहीं रखना चाहिए।

मार्गदर्शन के लिए राज्य पूर्व में निर्धारित की गई सांकेतिक सीमाओं को प्राथमिकता दे सकते हैं और यह विचार के लिए पत्र के साथ संलग्न हैं। हालांकि, अन्य श्रेणियों के लिए राज्य के लिए उपयुक्त समान मात्रा निर्धारित की जा सकती है। उदाहरण के लिए रिफाइनर के लिए पिछले छह महीनों के औसत पैमाने के अधिकतम 2 महीने के स्टॉक का उपयोग किया जा सकता है। इसी तरह, एक्सट्रेक्टर्स/मिलर्स के लिए मात्रा निर्धारित की जा सकती है।