रांची। कोविड के मामलों में पिछले कुछ महीनों से लगातार कमी देखी जा रही है, लेकिन आने वाले तीन महीने संक्रमण को रोकने के लिए चुनौतीपूर्ण होंगे। यह कहना है डॉ. सौरभ वार्ष्णेय निदेशक, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, देवघर, झारखंड का।
उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना संक्रमण से सुरक्षा के लिए देश भर में सफलतापूर्वक कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम का संचालन कर रही है, लेकिन प्रशासनिक तंत्र द्वारा तैयार किए गए कोरोना सुरक्षा के इस कवच को तब ही बल मिलेगा, जबकि इसमें जन भागीदारी भी शामिल होगी। त्योहार को हमें कुछ इस तरह मनाना है, जिससे अपनों की सुरक्षा भी बनी रहे। निर्धारित दूरी का पालन, मास्क का प्रयोग और नियमित रूप से हाथ धोते रहने की आदत आपको ही नहीं, बल्कि आपके अपनों को भी संक्रमण से सुरक्षित रखेगी। आने वाले तीन महीने सभी के लिए चुनौतीपूर्ण होंगे।
कोरोना अभी गया नहीं है। हमारे देश के कुछ राज्य जैसे महाराष्ट्र और केरल में लगातार कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। हमें पूर्व के अनुभवों को भूलना नहीं चाहिए। कोरोना का यदि एक भी मरीज है, तो हमें समझना चाहिए कि संक्रमण का खतरा टला नहीं है। लंबे समय से लोग एक-दूसरे से मिले नहीं हैं, इसलिए उत्साह का होना लाजिमी है, लेकिन इसी उत्साह में कोरोना को हमारे बीच फिर से पांव पसारने का मौका भी मिलेगा। हमारी समझदारी ही कोरोना को दोबारा बढ़ने से रोक सकती है।
सरकार लंबे समय से कोविड अनुरूप व्यवहार, निर्धारित दूरी का पालन और मास्क का प्रयोग करने की अपील कर रही है, इस संदर्भ में सभी राज्यों को केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव द्वारा दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं। कुछ जगहों से खबरें आ रही हैं कि वैक्सीन लगवाने के बाद लोगों ने मास्क लगाना छोड़ दिया, ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना है। वैक्सीन की पहली या दोनों डोज लगवाने के बाद भी कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करना है।
याद रखें हमारे अपने सुरक्षित रहेंगे, तो हम अगले साल भी त्योहार मना सकते हैं। बीते डेढ़ साल से लोगों ने संयम का बेहतर तरीके से पालन किया है, अगले कुछ समय और इसी तरह का व्यवहार करना है। खासकर ऐसे त्योहार के समय में जहां लोग उत्सव को सामूहिक रूप से इकट्ठा होकर मनाते हैं या फिर सामूहिक पूजा का आयोजन किया जाता है। अपनों के साथ त्योहार मनाने के लिए लोग एक राज्य से दूसरे राज्य में यात्रा भी करते हैं और यकीन मानिए आपको बिल्कुल भी नहीं पता कि आपका कौन सा सगा रिश्तेदार वायरस के साथ घर में प्रवेश कर जाए, इसलिए त्योहार में भी गैर जरूरी यात्रा से बचें।
बधाई संदेश मोबाइल फोन के माध्यम से दिए जा सकते हैं। सामूहिक पूजा आयोजन कार्यक्रमों के लिए आरडब्ल्यूए और स्वयंसेवी संस्थाओं को आगे आना चाहिए, जो सरकार द्वारा दिशा निर्देशित कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करें।