नई दिल्ली। दिल्ली में बिजली संकट मंडरा रहा है। अगर कोयले की सप्लाई नहीं मिली तो दो दिन बाद पूरी दिल्ली में ब्लैक आउट यानी बिजली गायब हो सकती है।
कोयला संकट पर दिल्ली के ऊर्जा मंत्री का कहना है कि अगर सप्लाई नहीं आती है तो देश की राजधानी दिल्ली में दो दिन बाद पूरे शहर में ब्लैक आउट होगा। दिल्ली से पहले तमिलनाडु और ओडिशा सहित कई राज्यों ने कोयला संकट पर चिंता जाहिर की थी। शनिवार को ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, ‘देशभर में जितने भी पावर प्लांट हैं, जो कोयले से चलते हैं, वहां पिछले कुछ दिनों से कोयले की बहुत कमी है। का स्टॉक कम होकर 1 दिन का रह गया है। आगे कहा कि केंद्र सरकार से हमारी अपील है कि रेलवे वैगन का इंतजाम किया जाए। 3.4 लाख मेगावाट की जगह आज सिर्फ 1 लाख मेगावाट मांग रह गई है, इसके बावजूद पावर प्लांट सप्लाई नहीं कर पा रहे हैं।’
साथ ही कहा, हमारे जो हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्लांट हैं, उनकी भी क्षमता 45 हजार मेगावाट से घटकर 30 हजार मेगावाट रह गई है। एनटीपीसी से ही साढ़े 3-4 हजार मेगावाट का हमारा एग्रीमेंट है। उसके बावजूद हम आज 20 रुपए यूनिट बिजली खरीदने को तैयार हैं। हमने कहा है कि कितनी भी महंगी बिजली मिले खरीद लीजिएगा। मंत्री ने साथ ही आरोप लगाया है कि मैन मेड क्राइसिस है, ऐसी राजनीति चलती है कि क्राइसिस क्रिएट करो तो लगेगा कुछ बड़ा काम किया है।
जैसे ऑक्सीजन का क्राइसिस हुआ था, वो भी मैन मेड ही था, फिर से वैसी ही क्राइसिस नजर आ रही है कि कोयले की सप्लाई बंद कर दो। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने राजधानी के बिजली संयंत्रों में कोयले की किल्लत को लेकर प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखी है। केजरीवाल ने पत्र में थर्मल पावर प्लांट में कोयले की किल्लत और कोयले की मौजूदा स्टॉक की जानकारी दी है