योगेश कुमार पांडेय
जमुआ (गिरिडीह)। इलाके में महामारी फैली। हर दिन कई लोग काल के गाल में समाने लगे। इसके बाद गणेश पूजा की शुरुआत हुई। इसके बाद चमत्कार हो गया। पूजा शुरू होने के बाद से इलाके में आज तक संक्रमण रोग नहीं हुआ। ऐसा कहना है झारखंड के गिरिडीह जिले के जमुआ प्रखंड अंतर्गत रेम्बा गांव के लोगों का।
रेम्बा का गणेश मंडप अपनी अलग पहचान के लिए प्रसिद्ध है। बीते 102 साल से यहां भगवान गणेश की पूजा विधि विधान के साथ हो रही है। मंडल की स्थापना वर्ष, 1919 में की गई थी। स्थानीय बुजुर्गों के मुताबिक उस वक्त क्षेत्र भयंकर महामारी हैजे की चपेट में था। हर रोज दर्जनों लोग सिर्फ रेम्बा से ही काल के गाल में समा रहे थे। तब किसी सिद्ध पुरुष ने भगवान गणेश का आह्वान करने कहा था। उनकी सलाह पर बुजुर्गों ने गणेश पूजा शुरू की।
जानकारों की माने तो स्थापना काल से क्षेत्र में कोई संक्रामक रोग नहीं हुआ। यहां हर साल तीन दिवसीय महोत्सव होता है। इसमें दूसरे जिले के लोग भी शामिल होते हैं। लोगों के मुताबिक सच्चे मन से मांगी हुई मुराद जरूर पूरी होती है। वार्षिक पूजा के संचालन के लिए पूजा समिति गठित है। इसमें आशीष त्रिवेदी अध्यक्ष, राधेश्याम सचिव एवं लक्ष्मीकांत कोषाध्यक्ष हैं।
इसके अलावा संत शरण, उदय द्विवेदी, अजीत द्विवेदी, मणिकांत, देवव्रत, पवन, भगवान, बजरंग लाल राणा, लालजीत साव, शंभु नाथ गुप्ता, दिनेश गुप्ता, अजय द्विवेदी, आजाद, कुंदन, कन्हैयालाल, बजरंग लाल राणा, भगवान, पिंकू, मणिकांत द्विवेदी, देवव्रत, रोशन, समीर, आजाद, द्वारिका, कुश, पिंकू, राजन, नवीन सहित कई लोग कमेटी में सक्रिय हैं। नवयुवकों में शंकी, नितेश, प्रियेश, सौरभ, प्रभात, विपुल, सनातन सहित कई लोग सक्रिय हैं।