बड़ी खबरः सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने खड़े किये हाथ, कहा- नहीं होगी जातीय आधार पर जनगणना

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नई दिल्ली। बड़ी खबर दिल्ली से आयी है। पिछड़े वर्गों की जातिगत जनगणना को लेकर केंद्र सरकार ने स्थिति स्पष्ट कर दी है।

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि उसने 2021 की जनगणना में ओबीसी की गणना नहीं करने का फैसला किया है। स्पष्ट कर दिया है कि कोई जातिगत जनगणना नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर सरकार ने कहा है कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अलावा पिछड़े वर्गों की जाति आधारित जनगणना प्रशासनिक रूप से कठिन और दुष्कर है। इससे पूरी या सही सूचना हासिल नहीं की जा सकती है।

यहां बता दें कि ओबीसी जनगणना को लेकर केंद्र का रूख इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि हाल में बिहार से दस दलों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और जाति आधारित जनगणना कराये जाने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे के मुताबिक, सरकार ने कहा है कि सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना (एसईसीसी), 2011 में काफी गलतियां एवं अशुद्धियां हैं।

केंद्र ने खामियों को सामने रखते हुए कहा है कि 1931 जनगणना के आंकड़े बताते हैं कि कुल जातियां 4,147 थीं, लेकिन 2011 SECC में 46 लाख से ज्यादा पता चलते हैं। सरकार ने कहा है कि यह आंकड़ा वास्तव में हो ही नहीं सकता, संभव है कि इनमें कुछ जातियां उपजातियां रही हों। सरकार ने बताया है कि जनगणना करने वाले कर्मचारियों की गलती और गणना करने के तरीके में गड़बड़ी के कारण आकंड़े विश्वसनीय नहीं रह जाते हैं।