रांची। हिंदी की उपभाषा मगही, भोजपुरी बोलने वालों को बलात्कारी बताए जाने पर भारतीय जनता पार्टी के विधायक भानु प्रताप शाही झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ जमकर बरसे। विधायक ने कहा कि पंथ मजहब के आधार पर भाषा को बांटना उचित नहीं है। मगही और भोजपुरी भाषा से नफरत और पाकिस्तानी भाषा उर्दू से प्यार कैसा है, यह मुख्यमंत्री जी स्पष्ट करें।
विधायक ने कहा कि हेमंत सोरेन नमाज नीति के तहत धर्म से धर्म और अब भाषा को भाषा से लड़ाना चाहते हैं। भाजपा इसकी घोर निंदा करती है। यह नियोजन नीति के अंदर तुष्टिकरण है। भाषा के आधार पर बलात्कारी, दुष्कर्मी बताना असंवैधानिक है। उन्होंने कहा कि नियोजन नीति में मैथली, अंगिका, भोजपुरी और मगही को तुष्टिकरण के तहत हटा दिया गया। मुख्यमंत्री ने हिंदी का अपमान करने का कार्य किया है।
शाही ने कहा कि जनजातीय भाषा की पढ़ाई की वस्तुस्थिति को लेकर विधानसभा में सत्र के दौरान झामुमो के विधायक सीता सोरेन ने प्रश्न किया था, जिसपर सरकार ने जवाब दिया था कि जनजातीय भाषा की पढ़ाई की योजना तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में सिर्फ और सिर्फ उर्दू पढ़ने वाले युवाओं को रोजगार दिए जाने की नीति है। इससे अन्य क्षेत्रीय भाषा पढ़ने वाले लोगों को रोकने का प्रयास किया जा रहा है। यह सीधे सीधे तुष्टिकरण की नीति को परिभाषित कर रहा है। साथ ही तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों में आदिवासी मूलवासी को बाहर रखने की तैयारी है।
विधायक ने कहा कि एक भाषा बोलने वाले को बलात्कारी कहना मुख्यमंत्री के तुष्टिकरण की नीति को दर्शाता है। हेमंत सोरेन ने झारखंड के जनजातीय, आदिवासी, मूलवासी, हिंदीवासी के भावनाओं को आहत किया है। उन्होंने पूछा कि मुख्यमंत्री बताएं विधायक मिथलेश ठाकुर, सुदिव्य कुमार, कांग्रेस के उमाशंकर अकेला, अम्बा प्रसाद, कुमार जयमंगल, बन्ना गुप्ता, पूर्णिमा नीरज सिंह, बदल पत्रलेख, दीपिका पांडेय के बारे क्या ख्याल रखते हैं, जो मगही भोजपुरी जैसे क्षेत्रीय भाषा का प्रयोग करते हैं।
शाही ने कहा कि क्षेत्रीय भाषा बोलने वाले भी झारखंड की लड़ाई लड़े हैं। उन्होंने कहा कि 1993 में नरसिम्हा सरकार में झारखंड आंदोलन बेचने वालो की सरकार है। हेमंत सोरेन वैसे दलों के साथ सरकार चला रहे हैं, जो झारखंड आंदोलन का विरोध किया था। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन हिन्दू का विरोध करते-करते हिंदी के विरोध में उतर आए हैं। वे प्रदेश की जनता से माफी मांगे। हिंदी भाषाभाषी से माफी मांगे। कांग्रेस और राजद अपना स्टैंड स्पष्ट करें।
पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक गंगोत्री कुजूर ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हिंदी भाषा पर टिप्पणी किया है। हिंदी दिवस के मौके पर हिंदी भाषा की तौहीन की गई है। हेमंत सोरेन ने असंवैधानिक भाषा का प्रयोग किया है।