लोहरदगा जिला शिक्षा पदाधिकारी उड़ा रहे विभागीय नियमों की धज्जी

झारखंड मुख्य समाचार
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  • हाई कोर्ट ने भी बात नहीं मानने की टिप्पणी की है
  • वर्ष, 2016 में भी विभाग कर चुका है उन्‍हें निलंबित

रांची/ लोहरदगा। लोहरदगा के जिला शिक्षा पदाधिकारी अखिलेश चौधरी अपने तानाशाही स्वभाव के आगे कोर्ट या उच्चाधिकारी किसी की नहीं सुनते हैं। उच्चाधिकारियों के आदेश की अवहेलना करते हैं। इसे लेकर दक्षिणी छोटानगपुर प्रमंडल के क्षेत्रीय उपशिक्षा निदेशक अरविंद विजय बिलुंग इन्हे दो-दो बार आगाह कर चुके हैं। नियम विरुद्ध काम करने के लिए स्पष्टीकरण भी पूछा है। इनकी मनमाने कार्यशैली के कारण चतरा जिला शिक्षा अधीक्षक रहते हुए विभाग ने उन्‍हें वर्ष, 2016 में निलंबित भी किया था। इसके बाद भी उनके रवैये में बदलाव नहीं आया है।

स्कूली शिक्षा सचिव राजेश शर्मा के आदेश पर प्रधानाध्यापक विहीन उच्च एवं उत्क्रमित विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों में से प्रभारी प्रधानाध्यापकों को अधिकृत करने के लिए मापदंड निर्धारित किए गए। इसमें न्यूनतम पांच वर्षों को सेवानुभाव वाले शिक्षकों में से योग्यता के वरीयताक्रम में से उच्च योग्यता वाले शिक्षकों को विद्यालयवार सूची बनाकर क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक से अनुमोदन लिया जाना है। हालांकि लोहरदगा जिला शिक्षा पदाधिकारी अखिलेश चौधरी सचिव के निर्देश के उलट बिना क्षेत्रीय उपशिक्षा निदेशक से अनुमोदन प्राप्त किए मात्र दो से तीन वर्ष के सेवा अनुभव वाले शिक्षकों को प्रभारी बना दिया है। मामला संज्ञान में आने पर क्षेत्रीय उपशिक्षा निदेशक ने जिला शिक्षा पदाधिकारी अखिलेश चौधरी पर विभागीय नियमों की अवहेलना करने का आरोप निर्धारित करते हुए उनसे स्पष्टीकरण पूछा है। पत्र में उपशिक्षा निदेशक ने अंकित किया है पहले भी अखिलेश चौधरी विभागीय नियमों की अवहेलना करते रहे हैं।

अखिलेश चौधरी

इतना ही नहीं मध्य विद्यालय लोहरदगा के प्रभारी के संबंध में झारखंड उच्च न्यायालय ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। इसका पालन अखिलेश चौधरी द्वारा आज तक नहीं कराया गया है। उपशिक्षा निदेशक ने उन्हें कोर्ट के आदेश का अनुपालन करने का निर्देश दिया। इसे भी शिक्षा पदाधिकारी द्वारा ठेंगा दिखा दिया गया। मामला जब कोर्ट के संज्ञान में आया, तब हाई कोर्ट ने अखिलेश चौधरी पर न्यायादेश और उच्चाधिकारी के निर्देशों के विपरित कार्य करने की टिप्पणी की है।

विभागीय कार्यों को निष्पादित करने में भी इनके द्वारा हमेशा ही मनमानी किया जाता है। सेवानिवृत होने वाले शिक्षकों के सेवानिवृति लाभों के भुगतान में समय पर इनके द्वारा कार्य शुरू तक नहीं किया जाता है। शिक्षकों द्वारा अपने कार्यों को निष्पादित करने की मांग करने पर उन्हें धमकाने की नियत से अनर्गल तथ्य बनाकर उन्‍हें शोकॉज कर प्रताड़ि‍त करने का प्रयास करते हैं।

अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षकों ने लोहरदग्गा जिले में शिक्षा विभाग के इस कुव्यवस्था के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी पर कार्रवाई करने की मांग शिक्षा सचिव से की है। संघ ने कहा है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी अखिलेश चौधरी की इस कार्यशैली पर विभाग को तत्काल अंकुश लगाना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर इनकी निरंकुश कार्यशैली से कोर्ट और उच्चाधिकारियों के सामने विभाग को जिल्लत झेलनी पड़ेगी।