कोल इंडिया डीपी से मिले पूर्व सांसद, रखी सीसीएल और बीसीसीएल की समस्याएं

झारखंड
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प्रशांत अंबष्‍ठ

बेरमो (बोकारो)। गिरिडीह के पूर्व सांसद रविंद्र कुमार पांडेय ने कोलकाता स्थित कोल इंडिया मुख्यालय में निदेशक (कार्मिक) विनय रंजन से मुलाकात की। सीसीएल एवं बीसीसीएल में व्याप्त समस्याओं पर चर्चा की। उसके निदान का आग्रह किया।

पांडे ने सर्वप्रथम माइनिंग सरदार, ओवरमैन एवं सर्वेयर की बहाली की ओर ध्यान आकृष्ट कराया। उन्‍होंने कहा कि डीजीएमएस से माइनिंग सरदार, ओवरमैन एवं सर्वेयर की दक्षता प्रमाण-पत्र प्राप्त हजारों युवक भर्ती के इंतजार में हैं। उनका उम्र भी खत्‍म होने के कगार पर है। काफी लंबे समय से उपरोक्त बहालियां नहीं हुई है। माइंस को सुरक्षित चलाने के लिए माइनिंग स्टाफों की पर्याप्त संख्या होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में लगभग 4 से 5 हजार पद रिक्त हैं। उन्होंने विज्ञापन निकालकर इन पदों को शीघ्र भरने का आग्रह किया। इसके अलावा उन्होंने सफाई कर्मी, नर्स, पारा मेडिकल स्टाफों की बहाली के साथ-साथ वैसे श्रमिकों के आश्रितों को नियोजन की ओर ध्यान दिलाया, जो मेडिकल अनफिट के तहत मृत्यु शैया पर पड़े हैं।

पांडे ने कहा कि विस्थापितों की जमीन के बदले नौकरी एवं मुआवजा की समस्या का समाधान कोल इंडिया के नियमों के अनुरूप एक समय सीमा निर्धारित कर पैकेज के तहत किया जाए। जिस अधिग्रहित जमीन की प्रबंधन को जरूरत नहीं है, उसे संबंधित रैयतों को वापस कर दी जाय, ताकि वे उस पर खेती कर सके। जरूरत पड़ने पर बेच सकें।

कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच सीसीएल एवं बीसीसीएल में प्रबंधन द्वारा किए जा रहे इंतजाम पर चर्चा करते हुए कहा कि सीसीएल के बोकारो-करगली क्षेत्र, ढोरी एवं कथारा के बीच एक ऑक्सीजन प्लांट एवं केंद्रीय अस्पताल ढोरी में वेंटीलेटर युक्त आईसीयू बेड की व्यवस्था के साथ-साथ बीसीसीएल के डुमरा स्थित अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट के साथ वेंटीलेटर युक्त आईसीयू बेड एवं लाइफ सपोर्ट सिस्टम आधारित एंबुलेंस की व्यवस्था की जाय।

बीसीसीएल में जर्जर क्वार्टरों की शीघ्र मरम्मत करने एवं कोलियारियों में कैंटीन और शौचालय की व्यवस्था करने का आग्रह किया। पांडे ने सर्वे ऑफ क्वार्टरों को लीज पर देने एवं उस में रह रहे गरीब परिवारों को आवश्यकता पड़ने पर ही खाली कराने का आग्रह किया। कॉलोनियों में शुद्ध पेयजल व समुचित रॉ वाटर की आपूर्ति सुनिश्चित कराने का आग्रह किया। उन्‍होंने कहा कि सीसीएल के ढोरी औऱ कथारा क्षेत्रों में सप्ताह-सप्ताह पेयजल की आपूर्ति नहीं होती है। उन्‍होंने कहा कि कोयला उद्योग के राष्ट्रीयकरण के समय से ही जो फिल्टर प्लांट बने हैं, उसी से पानी की आपूर्ति होती है। जबकि पानी के नाम पर प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए खर्च कर दी जाती है।

पूर्व सांसद ने कॉलोनियों में नाली, गारवेज की नियमित सफाई और कॉलोनियों में पर्याप्त मात्रा में स्ट्रीट लाइट लगाने की ओर ध्यान आकृष्ट कराया। पांडे द्वारा उठाई गई समस्याओं पर कोल इंडिया डीपी ने सकारात्मक पहल करने का आश्वासन दिया।