गंगा किनारे जैविक फसलों से लहलहाए खेत, बढ़ी किसानों की आमदनी

उत्तर प्रदेश कृषि देश
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  • पर्यावरण में सुधार के साथ कृषि लागत में आई कमी, उत्पादन में भी हुई बढ़ोतरी

उत्तर प्रदेश। प्रदेश के किसानों के जीवन में परिवर्तन लाने को प्रतिबद्ध योगी सरकार ने जैविक खेती में भी नए कीर्तिमान स्थापित किये हैं। किसानों को मजबूती के साथ आगे बढ़ाने के लिए उनके प्रयासों की सराहना देश में ही नहीं विदेशों में भी हो रही है। राज्य सरकार ने जैविक खेती को बढ़ाने के लिए 11 जिलों में विशेष अभियान चलाए हैं। सरकार ने संकल्प पत्र में किये गये वायदों को पूरा करते हुए साढ़े 04 सालों में किसानों को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने का काम किया।

राज्य में गंगा नदी के किनारे स्थित गांव में जैविक खेती को बढ़ावा दिया गया है। सरकार के इस प्रयास से खेती में बदलाव तो आया ही है। उनकी आमदनी भी पहले से काफी बढ़ गई है। जैविक खेती के बढ़ने से पर्यावरण में सुधार आने लगा है। कृषि लागत में कमी आने के साथ ही कृषि उत्पादन बढ़ा है। गौरतलब है कि सरकार की इस परियोजना से 11 जिलों के 21142 कृषकों ने 14000 हैक्टेयर क्षेत्र में 700 समूहों का गठन किया है। इन समूहों में शामिल कृषकों ने खरीफ 2020 और रबी 2020-21 में विभिन्न फसलों को जैविक विधि से उगाया। उनको प्रसंस्कृत करने के बाद उनकी पैकिंग की। इसके बाद उनको बढ़े मूल्यों पर विक्रय किया। इन उत्पादों को प्रदेश में लगने वाले मेलों, प्रदर्शिनियों, गोष्ठियों और बाजारों के स्टॉलों पर लगाया गया। कृषकों ने इस परियोजना से 2.76 करोड़ के जैविक उत्पादों का विक्रय किया है।

प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ाने के साथ किसानो के प्रोत्साहित करने में जुटी राज्य सरकार ने अपने कार्यकाल में कई बड़े काम किये हैं। इनता ही नहीं उनके हितों को सर्वोपरि रखते हुए प्रदेश के किसानों को लाभकारी फसलें उगाने का भी बड़ा मौका दिया। प्रदेश के किसानों को मिल रहे लाभ को देखते हुए सरकार इस परियोजना के दूसरे चरण को भी जल्द शुरू करने जा रही है। 03 वर्षों के लिये संचालित 71.40 करोड़ की योजना के पहले  वर्ष में 21.05 करोड़ का व्यय किया गया है।