- राजस्व पदाधिकारियों के न्यायालयों में लंबित मामलों का प्राथमिकता के आधार पर निष्पादन हो
रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग की समीक्षा 30 सितंबर को की। इसके तहत दाखिल खारिज के लंबित मामले, भूमि सीमांकन, राजस्व पदाधिकारियों के न्यायालय में लंबित मामले, भू अर्जन के लिए मुआवजा की स्थिति और विभिन्न विभागों को जमीन हस्तांतरण से जुड़े मामलों की समीक्षा की गई।
ई कोर्ट की मॉनिटरिंग हो
इस मौके पर विभाग के अपर मुख्य सचिव एल खियांगते ने कहा कि राजस्व अधिकारियों के न्यायालयों में मामलों की रेगुलर सुनवाई नहीं हो रही है। और ना ही लंबित मामलों का निष्पादन हो रहा है। यह चिंता की बात है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उपायुक्त, अपर समाहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी और अन्य राजस्व पदाधिकारियों के ई कोर्ट की रेगुलर मीटिंग की जाए। साथ ही, न्यायालय में लंबित मामलों का लिस्ट तैयार करें। प्राथमिकता के आधार पर उसका निष्पादन करें।
लगभग 12 सौ करोड़ रुपये पड़े हैं
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिना अनापत्ति वाले दाखिल कार्य के मामलों का ड्राइव चलाकर निष्पादन किया जाए। इस मौके पर विभाग के अपर सचिव में उद्योगों के लिए लैंड बैंक बनाने के लिए उठाए गए कदमों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि भू अर्जन से संबंधित मामलों में भी मुआवजे का वितरण सही तरीके से होना सुनिश्चित करें। बैंकों में मुआवजे की लगभग 12 सौ करोड़ रुपए पड़े हुए हैं। भूमि अधिग्रहण नहीं होने से कई बड़े परियोजनाओं को चालू करने में अड़चने आ रही हैं। सभी जिले के उपायुक्त भू अर्जन से जुड़े मामलों में लाभार्थियों के बीच मुआवजा का वितरण करने के लिए तेजी से कदम उठाएं।