रांची। झारखंड के पलामू और चतरा के सात नाबालिग बच्चों को रेसक्यू कराकर CWC और तामिलनाडु सरकार के समाज कल्याण विभाग ने उनके पिता को सौंपा। सभी हटिया धनबाद स्पेशल ट्रेन से शनिवार को रांची पहुंचे। गरीब बच्चों को रांची से पलामू चतरा तक जाने का भाड़ा सामाजिक कार्यकर्ता सह पूर्व टीएसी सदस्य रतन तिर्की ने सहयोग स्वरूप दिया।
आज सुबह सभी सातों बच्चे रांची रेलवे स्टेशन में उतरे। रेलवे स्टेशन में झारखंड के श्रम विभाग और फिया फाउंडेशन द्वारा संचालित राज्य प्रवासी श्रमिक नियंत्रण कक्ष के कर्मचारियों ने उनसे मुलाकात की। इसमें प्रभारी श्रीमती शिखा लकड़ा. समन्वयक श्रीमती रजनी तापे, क्रिस्टोफर टोपनो और रोशनी हस्सा शामिल थे। उन्होंने बच्चों से जानकारी मांगी। बच्चों के साथ सबके पिता भी थे। इस रेस्कयू कार्य में श्रम विभाग और फिया फाउंडेशन द्वारा संचालित राज्य प्रवासी श्रमिक नियंत्रण कक्ष ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कंट्रोल रुम प्रभारी शिखा लकड़ा ने बताया कि राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने तामिलनाडु सरकार से संपर्क कर स्थिति की जानकारी दी। समन्वय स्थापित कर बच्चों को रेस्क्यू कराया गया।
कंट्रोल रूम समन्वयक रजनी तापे ने बताया कि तामिलनाडु सरकार के समाज कल्याण विभाग की पदाधिकारी वीआर रेणुका देवी ने बच्चों को रेस्क्यू कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बाल कल्याण कमेटी ने भी सक्रिय भूमिका निभाई। इस घटना जानकारी पलामू के श्रम अधीक्षक द्वारा श्रम विभाग और फिया फाउंडेशन के द्वारा संचालित राज्य प्रवासी श्रमिक नियंत्रण कक्ष को दी गई थी। नियंत्रण कक्ष ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तामिलनाडु के सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट की प्रोबेशन आफिसर श्रीमती वीआर रेणुका देवी से संपर्क किया गया। रेणुका देवी ने तुरंत पलामू के ठेकेदार दीगन भुईयां को गिरफ्तार कराया। बच्चों के बयान पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कराई।
जानकारी के अनुसार इन बच्चों को ठेकेदार दीगन भुईयां 23 अगस्त, 2021 को तामिलनाडु लेकर गया था। सत्यमूर्ति नामक कंपनी (दिव्या अपार्टमेंट) में काम में लगा दिया। यहां इन बच्चों का शोषण होता था। देर तक काम कराया जाता था। सभी नाबालिग बच्चे बिल्डिंग लाईन में संटरिंग का काम करते थे। श्रीमती वी आर रेणुका ने पुलिस के सामने बच्चों का बयान दर्ज कराया।