रांची। झारखंड संघर्ष मोर्चा की बैठक कांके स्थित बिरसा कृषि विवि परिसर में रविवार को हुई। इसकी अध्यक्षता विनोद मुंडा ने की। संचालन विदेशी मुंडा ने किया। इसमें मौजूद सदस्यों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की 2021 को नियुक्ति वर्ष घोषित करने का स्वागत किया गया। हालांकि इस बात पर दुःख व्यक्त किया कि अभी तक झारखंड में स्पष्ट स्थानीय और नियोजन नीति नहीं बनी है।
सभी ने एक स्वर में कहा कि यह झारखंडियों के साथ मजाक है। सरकार जल्द से जल्द वर्ष 1932 की खतियान के आधार पर स्थानीय और नियोजन नीति बनाए, ताकि नियुक्ति में झारखंडियों को उसका वास्तविक अधिकार मिल सके। झारखंड अलग राज्य बनाने का सपना पूरा हो सके।
इसके लिए ‘झारखंडियों की एक ही पहचान 1932 का सर्वे खतियान’ के स्लोगन के साथ मुख्य सड़क और मुख्य चौक-चौराहों पर दीवार लेखन करने पर सहमति बनीं। इसकी जिम्मेवारी सभी संयोजकों को दी गई। इसके माध्यम से सरकार को कानून बनाने के लिए बाध्य किया जाएगा।
मौके पर झारखंड आंदोलनकारी दीपक महतो, सुबोध लकड़ा, रंजन बाड़ा, विनोद मुंडा, विदेशी मुंडा, सागर मुंडा, हनीफ अंसारी, बसंत महतो, राजेंद्र महतो हसन अंसारी, शत्रुघ्न महतो, जनक महतो, जलेश्वर महतो, सुखलाल चौधरी, चंद्रनाथ महतो ने भी अपने विचार रखे।