निरंतर खोज और नई तकनीकों पर शोध करते रहना होगा : रमेश बैस

झारखंड
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  • सीएसआईआर-केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान के प्लैटिनम जुबली समारोह शामिल हुए राज्‍यपाल

धनबाद। राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि भारत तकनीक के क्षेत्र में बहुत आगे है। हमारे यहां वैज्ञानिक और आविष्कारकों की कमी नहीं है। उन्हें जानने और प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कभी हमारे यहां के नालंदा विश्विद्यालय में पढ़ने के लिए विदेशों से भी विद्यार्थी आते थे। आज विदेशों में उच्च शिक्षा की पढ़ाई के लिये जाने की होड़ लगी हुई है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां कोयले की प्रचुर मात्रा होने के बावजूद विदेशों से आयात करना पड़ता है। पोटाश बनाने का कच्चे माल पास प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होने के बावजूद विदेशों पर निर्भर कर रहे हैं। राज्यपाल 17 नवंबर को सीएसआईआर-केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान के प्लैटिनम जुबली समारोह के अवसर पर वैज्ञानिक एवं संस्थान के अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।

राज्यपाल ने कहा कि जब वे केंद्र सरकार में खान मंत्री थे, तब उन्होंने देश के विभिन्न संस्थानों का भ्रमण कर उनकी कार्यप्रणालियों का अवलोकन किया। हालांकि सीएसआईआर के इस संस्थान में नहीं आ पाये थे। प्रसन्नता है कि यह संस्थान विगत 75 वर्षों से खनन और संबंधित उद्योगों के क्षेत्र में अपनी भूमिका का कुशलतापूर्वक निर्वहन कर रहा है। इस संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम अविस्मरणीय है। हमारा देश अन्वेषण के क्षेत्र में बहुत आगे है। सतत प्रयास करने होंगे और निरंतर खोज व नई-नई तकनीकों पर शोध करते रहना होगा। हमारे वैज्ञानिकों को अन्वेषण की ओर सतत प्रयासरत रहना होगा। उन्होंने लोगों को अपनी मातृभाषा के प्रेम रखने का आह्वान किया।

राज्यपाल ने इस अवसर पर संस्थान के प्लेटिनम जयंती स्मारक का लोकार्पण किया। उक्त समारोह में सांसद पशुपति नाथ सिंह, पद्मभूषण डॉ विजय कुमार सारस्वत, सदस्य, नीति आयोग, प्रो इ.एस द्वारकादास, अध्यक्ष, रिसर्च कॉउंसिल, सीआईएमएफआर, संस्थान के निदेशक प्रदीप कुमार सिंह, उपायुक्त संदीप सिंह सहित कई वैज्ञानिक, शोधार्थी एवं अन्‍य मौजूद थे।