उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में नब्बे साल के मोहम्मद शफी अहमद ने 75 साल की आरफ़ा से निकाह कर ली। यह खबर क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। लोग इस अनोखी शादी का जिक्र कर थकने का नाम नहीं ले रहे हैं। उधर, नाना की शादी में नातियों ने जमकर लुत्फ उठाया। वहीं, बाराती बनकर पहुंचे ग्रामीणों की भी खूब खातिरदारी की गई।
मामला नरखेड़ा ग्राम पंचायत के गांव नरखेड़ी का है। गांव निवासी मोहम्मद शफी अहमद की पत्नी का देहांत करीब पच्चीस वर्ष पहले हो चुका था। इसके अलावा उनकी चार पुत्रियां थीं, जिनका विवाह भी शफी कर चुका था। पत्नी का देहांत और पुत्रियों का विवाह हो जाने की वजह से करीब पच्चीस साल से ज़िंदगी अकेले जी रहा था। वह घर में ही एक परचून की दुकान चलाकर अपनी अकेली ज़िंदगी की गुजर बसर कर रहा था। उधर, शफी अहमद को अकेले ज़िंदगी गुजारने के लिए खाना पकाने सहित आदि समस्याओं को देख उनकी पुत्रियों ने पिता पर विवाह का दवाब बनाया। इस पर पिता ने दुबारा विवाह करने से इंकार कर दिया था, लेकिन, पुत्रियों ने आगे की ज़िंदगी अकेले गुजारने और होने वाली परेशानियों का हवाला देते हुए विवाह करने दवाब बनान शुरू कर दिया।
इसी बीच पुत्रियों ने नगर के मोहल्ला टांडा हुरमत नगर निवासी विधवा आरफा बी 75 वर्षीय को देखा और अपने पिता के साथ विवाह करने का प्रस्ताव रखा। पुत्रियों के अनुरोध पर विवाह के लिए आरफा बी राजी हो गई तथा उसने विवाह के लिए हां कर दी। महिला के हां करने पर मो. शफी की वीरान जिंदगी में बहार आ गई। दोनों ओर से रजामंदी मिलने के बाद विवाह की रस्में शुरू की गईं। बीते शनिवार को मो. सफी अहमद को दूल्हा बनाया गया और सभी रस्मों के साथ बारात को ले जाया गया। बारात गांव से मोहल्ला टांडा हुरमत नगर निवासी आरफा बी के मकान पर पहुचीं।
वहीं, बारात के में मो. शफी के नातियों ने जमकर डांस किया। इसके बाद दोनों का निकाह हुआ और दुल्हन पक्ष की ओर से बारात को खाना भी खिलाया गया। सारी रस्मअदायगी के बाद देर शाम दुल्हन को रुखसत किया गया। दुल्हन देर रात जैसे ही गांव पहुंची, तो उसको देखने वाला का तांता लग गया। गांव ही नही, बल्कि आसपास के ग्रामीण भी इस अनोखी शादी को देखने के लिए पहुंचे। वहीं, दुल्हन को अपने घर लाकर दूल्हा भी बहुत खुश दिखाई दिया। विवाह के जोड़े की ग्रामीणों ने सलामी की। उधर, इस विवाह को लेकर क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग बस इसी विवाह का जिक्र करते नजर आ रहे हैं।
नब्बे वर्षीय नाना के विवाह के गवाह उनके नाती भी बन गए। नाना की बारात में नाती नाचते-गाते पहुंचे। नाना के विवाह में नातियों ने जमकर डांस किया और खूब धमाल डाला। नातियों के चेहरे पर खुशी साफ देखी गई। नातियों ने बताया कि अगर उनके नाना का एक भी पुत्र होता, तो वह विवाह नहीं करते। बहू के हाथ का खाना खाकर ही ज़िंदगी की गुजर बसर करते, लेकिन, उनकी चारों पुत्रियां हैं, जिसकी वजह से वह अकेले ज़िंदगी गुजार रहे थे। विवाह के दौरान नातियों की खुशी का ठिकाना नहीं था।