दुनिया में हर 40 सेकंड में 1 व्यक्ति आत्महत्या से मरता है : डॉ बासुदेब

झारखंड सेहत
Spread the love

रांची। RINPAS द्वारा नए शैक्षणिक भवन में नर्सिंग छात्रों के लिए ‘आत्महत्या रोकथाम के बारे में जागरुकता’ पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। डॉ बासुदेब दास, डॉ सुभाष सोरेन, डॉ जयती सिमलाई, डॉ अमूल रंजन सिंह, डॉ मसरूर जहां, डॉ जय प्रसाद, डॉ पीके सिंह, डॉ अमित कुमार शर्मा कार्यक्रम में उपस्थित थे। डॉ सुभाष सोरेन ‘आत्महत्या’ पर एक संक्षिप्त परिचय देकर कार्यक्रम की शुरुआत की।

मुख्य अतिथि सीआईपी के निदेशक डॉ बासुदेब दास ने बताया कि आत्महत्या एक वैश्विक बोझ है। दुनिया भर में हर 40 सेकंड में 1 व्यक्ति आत्महत्या से मरता है। इस वैश्विक बोझ को संभालने का एकमात्र तरीका मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं और विशेषकर आत्महत्या के बारे में जागरुकता बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि आम तौर पर मानसिक बीमारियों से ग्रसित लोग मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों की मदद नहीं लेते हैं। इसलिए यह उचित समय है कि एक सक्रिय देखभाल मॉडल विकसित करने की पहल की जानी चाहिए।

डॉ दास ने आम मिथकों और आत्महत्या से संबंधित विभिन्न चेतावनी संकेतों पर भी चर्चा की। उन्होंने प्रतिभागियों को कार्यशाला में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया, क्योंकि वे रोगियों की देखभाल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यथासंभव अधिक से अधिक आत्महत्याओं को रोकने की पूरी कोशिश करनी चाहिए, क्‍योंकि एक जीवन को बचाना भी बहुत महत्वपूर्ण है।

डॉ मसरूर जहान ने धन्यवाद दिया। कार्यशाला में फ्लोरेंस कॉलेज ऑफ नर्सिंग, इरबा, रांची की नर्सिंग छात्राएं भाग ले रही हैं। इस 3 दिवसीय कार्यशाला में RINPAS और CIP के संकायों द्वारा आत्महत्या की महामारी विज्ञान, आत्महत्या जोखिम मूल्यांकन, आत्महत्या के कारक, टेली-परामर्श, आत्महत्या से संबंधित मिथक, आत्महत्या से संबंधित कानूनी और मनोवैज्ञानिक पहलू, निवारक और प्रबंधन रणनीतियों जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी।