झारखंड में गरीबी की मार झेल रहे युवक-युवतियों को सुनहरे भविष्य का सपना दिखाकर मानव तस्करों द्वारा उनको अन्य प्रदेश में ले जाकर बेच देने की घटना आम है। ताजा मामला गुमला से आया है। यहां मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त हुईं दो युवतियां गुमला पहुंचीं। गुमला के बाल मजदूर मुक्ति संस्थान के कार्यालय में दोनों युवतियों ने अपने ऊपर बीती घटना बतायी, तो सुन कर रोंगटे खड़े हो गये। दोनों ने प्रशासन से न्याय की गुहार लगायी है।
बता दें कि एक युवती लोहरदगा की है, तो एक युवती गुमला जिला के डुमरी प्रखंड की है। लोहरदगा की पीड़ित युवती के अनुसार 11 मई 2019 को वह अपनी दीदी के घर जरियो गयी थी। वहां इमरान अंसारी नाम के युवक से उसकी जान-पहचान हुई। वह उसे ठग कर कहीं ले गया। नशीली दवा का सेवन करा कर लोहरदगा में ही एक मकान में उसके साथ दुष्कर्म किया।
वहां से दिल्ली स्थित बिहार की प्लेसमेंट एजेंसी में उसे बेच दिया। वहां से सुभाष जिंदल के घर पर काम पर लगा दिया गया। वहां नौ माह तक काम किया, लेकिन एक भी पैसा नहीं मिला। मालिक का बेटा हनी जिंदल ने भी उसके साथ दुष्कर्म किया। वहां से किसी तरह भाग कर निकली और एक सामाजिक कार्यकर्ता के सहयोग से गुमला पहुंची। डुमरी की युवती के अनुसार उसे छह वर्ष पहले सिरसी नवागई की खुशबू और उसकी मां ने रांची में देवेंद्रनाथ ठाकुर के घर में काम में लगा दिया। वहां से कैलाश कॉलोनी दिल्ली पहुंचाया गया।
जहां आयशा नागराज के घर दो वर्षों तक काम किया। एक भी पैसा नहीं मिला। रजौरी गार्डन दिल्ली के समीप भी एक मकान में दो साल तक काम किया। सम्राट सिनेमा हॉल के समीप दुधामी अर्जुन के पास उसे पहुंचा दिया गया। जहां से न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में संचालित एक कोठे के हवाले कर दिया गया। कोठे के संचालक विक्की कपूर ने उसके साथ दुष्कर्म किया। मौका देख कर वहां से भाग निकली और गुमला पहुंच कर राहत महसूस कर रही हूं। वह चाहती है कि दोषी व्यक्ति पर कार्रवाई हो। काम का उन लोगों को पैसा मिले और उन लोगों को न्याय मिले।