कोलकाता। आपूर्ति श्रृंखला (सप्लाई चेन) में ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के अपने व्यापक सस्टेनेबिलिटी उद्देश्य और इस दिशा में अपने प्रयासों के अनुरूप टाटा स्टील ने 6 अगस्त, 2021 को मित्सुई ओएसके लाइंस (एमओएल) के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किया। मित्सुई एक वैश्विक समुद्री परिवहन समूह है, जो पर्यावरण-स्नेही शिपिंग समाधान विकसित कर इन्हें लागू करने का काम करेगा।
टाटा स्टील के वाईस प्रेसिडेंट (सप्लाई चेन) पीयूष गुप्ता ने कहा, ‘इस समझौता का उद्देश्य स्टील के उत्पादन के लिए कच्चे माल के समुद्री परिवहन के दौरान ग्रीन हाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन को कम करना है। प्रारंभिक चरण में यह साझेदारी विभिन्न प्रकार के टेक्नोलॉजियों से होने वाले पर्यावरणीय लाभ और वाणिज्य व परिचालन से संबंधित इसकी व्यवहार्यता का पता लगाएगी। इसमें एक हार्ड सेल ‘विंड चैलेंजर’ शामिल होगा, जो पवन ऊर्जा का उपयोग कर उत्सर्जन को कम करेगा। एमओएल ने संयुक्त रूप से क्रॉस-इंडस्ट्रियल पार्टनर्स के साथ इस टेक्नोलॉजी का अध्ययन किया है। विंड चैलेंजर से लैस पहला पोत 2022 में संचालन शुरू करने के लिए तैयार है।
आरएम प्रोक्योरमेंट के चीफ ग्रुप शिपिंग व डायरेक्टर रंजन सिन्हा ने इस समझौते पर कहा, ’रिस्पॉन्सिबलस्टील‘ के सदस्य के रूप में टाटा स्टील अपनी शिपिंग गतिविधियों को जिम्मेदार पर्यावरणीय व्यवहार के साथ जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। हम सस्टेनेबल शिपिंग की दिशा में अपने प्रयासों के तहत एक प्रतिष्ठित वैश्विक समुद्री परिवहन कंपनी ’एमओएल’ के साथ हाथ मिला कर बेहद प्रसन्न हैं।’
एमओएल के सीनियर मैनेजिंग एक्जीक्यूटिव ऑफिसर व चीफ (इन्वायर्नमेंट एंड सस्टेनेबिलिटी ऑफिसर) तोशियाकी तनाका ने कहा, ‘हमने हाल ही में एमओएल ग्रुप के पर्यावरण विजन 2.1 को लागू किया है, जिसमें हमने घोषणा की है कि एमओएल ग्रुप 2050 तक ‘नेट जीरो जीएचजी’ उत्सर्जन हासिल करने के लिए पूरे ग्रुप में एक ठोस प्रयास करेगा। विजन 2.1 का लक्ष्य हासिल करने के लिए एक लंबा रास्ता तय करना होगा। हम मानते हैं कि एक अच्छे भागीदार के साथ मिल कर काम करना अपने आप में महत्वपूर्ण है। एक प्रमुख वैश्विक स्टील कंपनी टाटा स्टील के साथ यह साझेदारी विजन 2.1 के लक्ष्यों को चुनौती देने के लिए एमओएल को प्रोत्साहित करेगी।‘