टाटा स्टील ने राष्ट्र निर्माण और आत्मनिर्भर भारत के प्रति दोहरायी प्रतिबद्धता

झारखंड
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जमशेदपुर। टाटा स्टील ने हर्षोल्लास के साथ अपने सभी लोकेशन और कार्यालयों में 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाया। कोविड प्रतिबंधों के कारण सीमित उपस्थिति के साथ विभिन्न स्थानों पर ध्वजारोहण समारोह आयोजित किए गए। कंपनी ने राष्ट्र निर्माण और आत्मनिर्भर भारत के प्रति प्रतिबद्धता दोहरायी।

जमशेदपुर प्लांट में सीईओ व एमडी टीवी नरेंद्रन ने कहा, ‘आज, जब हम कोविड-19 की दूसरी लहर से उबर चुके हैं। हम सभी के लिए अपनी ताकत, कमजोरी और प्राथमिकताओं को समझना महत्वपूर्ण हो गया है। हम अपने परिवार और समुदाय को बचाने के लिए कम-से-कम जो कर सकते हैं, वह है खुद को टीका लगवाना और यह सुनिश्चित करना कि हम कोविड-19 उचित व्यवहार का पालन करें।‘

सीईओ ने कहा कि आज दुनिया जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर बहस कर रही है, उस पर भी चिंतन करना महत्वपूर्ण और जरूरी है। हो सकता है कि भारत इस समस्या का हिस्सा नहीं हो, लेकिन यह निश्चित रूप से इसके समाधान का हिस्सा है। हमारे जैसे विकासशील देशों को एक स्वच्छ और हरित विकास की योजना बनाने की आवश्यकता है। सतत विकास के लिए एक बेंचमार्क प्रतिष्ठान टाटा स्टील भी इस उद्देश्य को आगे बढ़ाने की योजना बनाएगी।

भारत को आर्थिक महाशक्ति बनने के साथ-साथ ज्ञान और प्रौद्योगिकी-प्रबल विकास पर भी ध्यान देना चाहिए। एक राष्ट्र के रूप में हमारे लिए आगे का रास्ता तय करने और एक ऐसा देश बनाने का एक बड़ा अवसर है, जिस पर हमारे संस्थापकों को गर्व हो।

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पिछले 75 वर्षों में टाटा स्टील ने देश के दो-तिहाई फ्लाईओवर और पुलों में योगदान दिया है, जिसमें मुंबई का बांद्रा-वर्ली ‘सी’ लिंक, असम का बोगीबील ब्रिज (देश का सबसे लंबा रेलमार्ग पुल) और आंध्र प्रदेश का सबसे लंबा फ्लाईओवर ‘कनक दुर्गा’ जैसी आधुनिक संरचनाएं शामिल हैं। कंपनी ने कई आधारभूत संरचना परियोजनाओं में राष्ट्र के साथ भागीदारी की है; देश के 32 प्रमुख हवाई अड्डे और सभी मेट्रो रेलवे नेटवर्क हमारे स्टील का उपयोग करते हैं।

इस वर्ष टाटा स्टील के नौ कर्मचारियों ने वर्ष 2018 का प्रधानमंत्री श्रम पुरस्कार (पीएमएसए) जीता है, जिससे कंपनी का नाम रोशन हुआ। कंपनी के दो कर्मचारियों को प्रतिष्ठित श्रम भूषण पुरस्कार, छह कर्मचारियों को श्रम वीर पुरस्कार और एक कर्मचारी को श्रम श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। विशेष रूप से, शीर्ष दो पुरस्कार श्रेणियों यानी श्रम भूषण और श्रम वीर/श्रम वीरांगना पुरस्कार में, निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए सभी आठ पुरस्कार टाटा स्टील के कर्मचारियों ने जीते हैं।

श्रम भूषण के विजेताओं को एक लाख रुपये, श्रम वीर/श्रम वीरांगना के विजेताओं को 60 हजार रुपये और श्रम श्री/श्रम देवी के विजेताओं को 40 हजार रूपये की धनराशि दी जाती है। भारत सरकार ने 13 अगस्त, 2021 को विजेताओं की घोषणा की।