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सचिव का डीसी को पत्र, ग्रामीण विकास की योजनाओं पर करें फोकस

झारखंड
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  • इससे राज्य सरकार की प्राथमिकता गरीबी उन्मूलन और आजीविका संवर्द्धन को मिलेगा बल

रांची। ग्रामीण विकास विभाग गरीबी उन्मूलन और आजीविका संवर्द्धन की राज्य सरकार की प्राथमिकता को गति देने में जुटा है। इसे लेकर विभाग के सचिव डॉ मनीष रंजन ने राज्य के सभी उपायुक्तों को पत्र लिखा है। निर्देशित किया है कि झारखंड स्टेट लाईवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी अंतर्गत संचालित योजनाओं के सफल क्रियान्वयन और अन्य विभागों के साथ समन्वय के लिए आवश्यक कारवाई करें। उसमें समूहों को बैंक ऋण से जोड़ना, पुराने समूहों की ऋण निकासी कराने और सखी मंडल की उद्यमी सदस्यों को मुद्रा ऋण उपलब्ध कराना शामिल है।

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सचिव ने आरसेट्टी अंतर्गत प्रशिक्षित युवाओं को स्व-रोजगार के लिए बैंक ऋण उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया है। कहा है कि इससे लोग आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर होंगे। उन्होंने पीएमएसबीवाई, पीएमजेजेबीवाई, पीएमजेएवाई और अटल पेंशन जैसी बीमा योजनाओं के अंतर्गत समूहों के सदस्यों को नामांकित कराने को भी कहा है। साथ ही सखी मंडल की सदस्यों में से बीसी. सखी का चयन कर सभी ग्राम पंचायतों में स्थापित करने, जिला में बीसी. चैनल के माध्यम से समुदाय आधारित संगठनों, समूह, ग्राम संगठन आदि में लेन-देन को बढ़ावा दें। जिला अंतर्गत तीन आजीविका संसाधन केंद्र और सभी प्रखंडों में एक-एक चूजा हार्डनिंग केंद्र स्थापना पर बल देने को कहा गया है।

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ग्रामीण विकास को गति देने के लिए सचिव ने वन धन केंद्रों द्वारा खरीदे जाने वाले लघु वनोपज को झामकोफेड संस्था द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क्रय कराने को कहा गया है। वन धन केंद्रों, उत्पादक समूहों तथा ग्रामीण सेवा केन्द्रों के लिए प्रखण्ड स्तर पर कार्यालय-सह-भंडारण कक्ष के लिए उपयुक्त भवन उपलब्ध कराने के अलावा एनआरईटीपी के संकुल संगठनों को झारखंड सेल्फ सपोर्टिंग को-ऑपरेटिव सोसाइटी एक्ट, 1996 के अंतर्गत पंजीकृत कराने पर भी बल दिया गया है। वहीं टीएचआर के अंतर्गत सामग्री का उचित दर पर क्रय, पैकेजिंग एवं सुचारु रूप से वितरण करने में सहयोग करने के लिए सचिव ने कहा है।