नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘मन की बात’ कार्यक्रम में बिहार के मधुबनी जिले का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मधुबनी जिले के डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय और वहां स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने मिलकर के एक अच्छा प्रयास किया है।
विश्वविद्यालय की इस पहल का नाम ‘सुखित मॉडल’। प्रधानमंत्री ने बताया कि इस मॉडल का मकसद है गांवों में प्रदूषण को कम करना। इस मॉडल के तहत गांव के किसानों से गोबर और घरों से निकलने वाला अन्य कचरा इकट्ठा किया जाता है। बदले में गांव वालों को रसोई गैस सिलेंडर के लिए पैसे दिए जाते हैं। जो कचरा गांव से निकलता है उससे खाद बनाने का काम भी किया जाता है। यानी ‘सुखित मॉडल’ का चार लाभ तो सीधे-सीधे नजर आते हैं। इसका लाभ किसानों को तो हो ही रहा है, इससे स्वच्छ भारत मिशन को भी नई ताकत मिल रही है। पीएम मोदी ने कहा कि एक तो गांव को प्रदूषण से मुक्ति, गांव को गंदगी से मुक्ति, तीसरा गांव वालों को सिलेंडर गैस के लिए पैसे और चौथा गांव के किसानों के लिए जैविक खाद।