- तीनों कृषि कानून को झारखंड विधानसभा से निरस्त करने की उठी मांग
रांची। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति झारखंड राज्य परिषद की बैठक 19 अगस्त को रांची के अल्बर्ट एक्का चौक स्थित सीपीआई कार्यालय में हुई। इसकी अध्यक्षता झारखंड राज्य किसान सभा के सचिव सुरजीत सिन्हा ने की। इस अवसर पर महेंद्र पाठक ने गत आंदोलन की समीक्षा की। आगे के आंदोलन की रूपरेखा प्रस्तुत की।
पाठक ने बताया कि दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में झारखंड में भी लगातार किसान संगठनों की ओर से आंदोलन किए जा रहे हैं। आगे भी दिल्ली के आंदोलन की एकजुटता जाहिर की जाएगी। दिल्ली में होने वाले किसान संगठनों के सम्मेलन में झारखंड से भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। झारखंड से भी एक बड़ा जत्था दिल्ली सिद्धु बॉर्डर पर जाएगा। आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए 12 सितंबर को रांची में एक बड़ा किसान कन्वेंशन किया जाएगा। 4 अक्टूबर को हजारों की संख्या में लोग राजभवन मार्च करेंगे।
पाठक ने कहा कि 3 सितंबर से झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र में झारखंड की सरकार किसान विरोधी तीनों काला कानून को निरस्त कर राष्ट्रपति को भेजें। साथ ही, झारखंड में न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी के लिए कानून बनाएं। राज्य में विस्थापन से पहले पुनर्वास की गारंटी करें। भूमि अधिग्रहण कानून-2013 को लागू करें। अधिकृत जमीन के बदले किसानों की जमीन मुहैया कराए। गैरमजरूआ भूमि को भूमि बैंक से मुक्त कर मालिकाना हक किसानों को दें। इन मांगों को लेकर राज्यभर में प्रमंडलीय, प्रखंड स्तरीय कार्यक्रमों की रूपरेखा बनाई गई।
सरकार से मांग की गई कि राज्य के किसानों की लड़ाई में सरकार साथ दें और किसानों की समस्या का समाधान करें। अन्यथा बाध्य होकर भारतीय जनता पार्टी की तरह वर्तमान सरकार के विरुद्ध भी राज्य के किसान संगठनों के लोग सड़कों पर उतरकर सरकार का विरोध करेंगे।
बैठक में अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव सह अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति राज्य के संयोजक महेंद्र पाठक, उपाध्यक्ष प्रमोद साहू, अजय कुमार सिंह, इसहाक अंसारी, झारखंड राज्य किसान सभा के उपाध्यक्ष सुफल महतो, समाजिक संगठनों की नेत्री दयामणि बरला, अखिल भारतीय किसान महासभा के अध्यक्ष हीरा गोप, सचिव पूरन महतो, भुनेश्वर केवट, किसान संग्राम समिति के सचिव राजेंद्र गोप, शाहीद अंसारी, लोदो मुंडा, सुशांत मुखर्जी, प्रयाग महतो, विनोद रजवार सहित अन्य मौजूद थे।