समस्याओं का निराकरण नहीं होने पर होगा आंदोलन : अश्विनी
आनंद कुमार सोनी
लोहरदगा। झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा की लोहरदगा जिला समिति की बैठक शनिवार को जिला अध्यक्ष अश्विनी कुजूर की अध्यक्षता में हुई। जिलाध्यक्ष ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों की समस्याओं का निराकरण नहीं हो पाया है। चिन्हितीकरण आयोग का पुनर्गठन तो किया गया है, लेकिन अन्य सदस्यों की नियुक्ति नहीं होने से आंदोलनकारियों की पहचान का काम लटका है। कई चिन्हित आंदोलनकारियों को पेंशन की बकाया राशि भी नहीं मिल पाई है। जिन आंदोलनकारियों की मृत्यु हो गई, उनके आश्रितों को चिन्हित करने का काम भी नहीं हो पाया है। उन्होंने राज्य सरकार से आश्रितों की पहचान के लिए अलग सेल का गठन करने की मांग की।
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जिला अध्यक्ष ने कहा कि यदि झारखंड सरकार 15 अगस्त तक आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा की 11 सूत्री मांगों पर वार्ता कर इसका निपटारा नहीं करती है, तो एक बार फिर जोरदार आंदोलन होगा। इसकी शुरुआत 04 सितंबर को लोहरदगा समाहरणालय के समक्ष मशाल जलाकर की जाएगी।
संयोजक प्रो विनोद भगत ने कहा कि सरकार के संकल्प में आंदोलनारियों के लिए जेल जाने की बाध्यता समाप्त कर सभी आंदोलनकारियों के लिए पेंशन और बराबर का सम्मान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि चिन्हितीकरण प्रक्रिया में आयोग द्वारा जिला अंतर्गत सभी अंचलाधिकारियों के पास वेरीफिकेशन के लिए जनवरी, 2019 में भेजी गई है, जिसकी रिपोर्ट अब तक प्रस्तुत नहीं की गई। इससे अंचलों के आंदोलनकारी चिन्हित होने से वंचित रह गए हैं।
अमर किंडो, मो कयूम खान, नागेंद्र साहु, विशेषण भगत, रूस्तम खान, जगदीश उरांव, कृष्णा ठाकुर, बिरस्मनी उरांव, शालेन लकड़ा, लोलेन तिर्की, तरामनी मिंज, सुशीला लकड़ा आदि ने भी अपने विचार रखें। बैठक का संचालन रूस्तम खान ने किया। बैठक में तारा खलखो, दिनेश साहू, दीपक वर्मा, दशरथ गिरी आदि शामिल थे।
कोविड महामारी के दौरान झारखंड आंदोलनकारी के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया गया। शोकसभा कर दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। उनकी आत्मा की शांति और परिजनों को दु:ख सहने की प्रार्थना की गई। बैठक में सर्वसम्मति से संगठन का विस्तार करते हुए अमर किंडों को कार्यकारी अध्यक्ष, विशेषण भगत को सचिव ओर शाहिद अहमद को महासचिव बनाया गया।