पर्यटन विभाग चतरा के इटखोरी को विश्वस्तरीय धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में तैयार करने की पहल कर रहा है। साथ ही यहां विश्व का सबसे ऊंचा बौद्ध स्तूप भी स्थापित होगा। सनातन, जैन और बौद्ध तीन धर्मों की संगम स्थली के रूप में विख्यात इटखोरी को बौद्ध सर्किट से जोड़ा जाएगा।
टूरिज्म सर्किट में बोधगया, कौलेश्वरी और इटखोरी शामिल होंगे। दरअसल झारखंड सरकार ने इटखोरी में दुनिया का सबसे ऊंचा बौद्ध स्तूप बनाने की योजना बनाई है। पर्यटन विभाग ने स्तूप और प्रेयर व्हील निर्माण का डिजाइन तैयार करने का काम परामर्शी कंपनी आइडेक को सौंपा है। आइडेक स्तूप निर्माण के साथ इटखोरी को टूरिज्म सर्किट से जोड़ने की भी योजना बना रहा है। इटखोरी को टूरिज्म सर्किट से जोड़ने की योजना पर लगभग 400 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसमें से करीब 200 करोड़ रुपए बौद्ध स्तूप और प्रेयर व्हील के निर्माण पर खर्च होने का अनुमान है। पहले फेज का डीपीआर भी तैयार हो गया है। डीपीआर में मां भद्रकाली मंदिर परिसर को विकसित करने की योजना बनाई गई है। इटखोरी को विश्वस्तरीय धार्मिक स्थल के रूप में तैयार करने के लिए आधारभूत संरचनाएं भी बेहतर की जाएंगी।
इटखोरी से गया को जोड़ने वाली सड़क फोर लेन की जाएगी। वहां पांच सितारा होटल सहित अन्य अत्याधुनिक सुविधाओं का निर्माण भी कराया जाएगा। होटल निर्माण के लिए निजी कंपनियों के साथ मिल कर सरकार पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर काम करेगी।