पटना। हर गलती की सजा भुगतनी पड़ती है।यहां भी यही मामला है। बिहार में पंचायत चुनाव को लेकर सरकार को भेजा गया प्रस्ताव लीक हो गया है। इसके बाद प्रशासनिक महकमे में खलबली मची हुई है।
यहां बता दें कि नीतीश सरकार की मंजूरी मिलने से पहले ही प्रस्ताव, जिसमें चुनावी तारीखों का एलान था, वह सार्वजनिक हो गया है। इसके कारण राज्य निर्वाचन आयोग को अब नए सिरे से तारीखों का नया प्रस्ताव तैयार करना पड़ेगा। पंचायत चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग 3 अगस्त को ही पंचायती राज विभाग से जुड़े प्रस्ताव को भेज दिया गया था, जिसमें 10 चरणों में पंचायत चुनाव कराने की बात कही गयी थी।
इसके साथ ही 25 नवंबर तक चुनाव संपन्न कराए जाने की बात लिखी थी। राज्य कैबिनेट के समक्ष यह प्रस्ताव भेजा जाता, इससे पहले ही यह जानकारी सार्वजनिक हो गया, जिससे विभाग पर बड़ी लापरवाही का आरोप लग रहा है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक इस मामले में शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई हो सकती है। पंचायती चुनाव से जुड़े इस प्रस्ताव का सार्वजनिक होने के बाद निर्वाचन आयोग को अब नए सिरे से प्रस्ताव को तैयार करना पड़ेगा।
वहीं पहले से तैयार किए गए चुनाव की तारीखों में भी बदलाव किए जाएंगे, हालांकि चुनाव 10 चरणों में ही कराने की बात कही गयी है। लेकिन तिथियां अलग अलग कर दी जायेंगी। बता दें कि प्रत्येक चरण में प्रत्येक जिले के 2 प्रखंडों में चुनाव होना है। बिहार में कुल 534 प्रखंड हैं, जिसमें बाढ़ प्रभावित प्रखंडों में अंतिम चरण में चुनाव संपन्न कराया जायेगा।