मगही और भोजपुरी को क्षेत्रीय भाषा की सूची में शामिल करें : मिथिलेश ठाकुर

झारखंड
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  • मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर मिलकर वार्तालाप कर मांग पत्र सौंपा

रांची। झारखंड सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने मगही और भोजपुरी भाषा को क्षेत्रीय भाषाओं की सूची में शामिल करने की मुख्यमंत्री से मांग की है। इस संबंध में मंत्री ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर मिलकर वार्तालाप कर मांग पत्र सौंपा है।

मंत्री ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि झारखंड की एक बड़ी आबादी मगही, अंगिका एवं भोजपुरी आदि भाषा का उपयोग करती है। ये वर्षों से झारखंड में निवास कर रही हैं और यहां के मूल निवासी हैं। ऐसे छात्र-छात्राओं की बड़ी संख्या प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल होने से वंचित हो जाएगीl इसलिए आवश्यक है कि इन भाषाओं को भी क्षेत्रीय भाषा में सम्मिलित किया जाए, ताकि पलामू प्रमंडल के तीनों जिला गढ़वा, पलामू व लातेहार सहित चतरा जिला के अभ्यर्थियों को झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा में समान अवसर मिल सके।

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मंत्री ठाकुर ने मुख्यमंत्री को अवगत कराते हुए बताया कि झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षाओं के लिए 12 क्षेत्रीय एवं जनजातीय भाषाओं को चिन्हित कर स्वीकृति दी गई है। चिन्हित 12 भाषाओं में पलामू प्रमंडल के तीनों जिला तथा चतरा जिला में प्रमुखता से उपयोग की जाने वाली क्षेत्रीय भाषा मगही एवं भोजपुरी शामिल नहीं है। इससे इन जिलों के अभ्यर्थियों को चयन में समान अवसर प्राप्त नहीं हो सकेगा। इन्हें भी समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए क्षेत्रीय भाषाओं की सूची में भोजपुरी और मगही को शामिल करना आवश्यक होगा।

मंत्री ने अवगत कराते हुए बताया कि झारखंड से मैट्रिक एवं इंटर पास छात्र ही झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में बिहार और उत्तर प्रदेश के अभ्यार्थियों के शामिल होने की संभावना नहीं बनती है। हालांकि क्षेत्रीय भाषाओं की सूची बंगला और उड़िया को रखा गया है। प्रावधान के अनुसार बंगाल और उड़िसा के अभ्यर्थी इन परीक्षाओं में भाग लेने के योग्य नहीं होंगे।

मंत्री ने कहा कि हजारीबाग, बोकारो, धनबाद और कोडरमा जिलों में भी भोजपुरी एवं मगही भाषा प्रमुखता से प्रचलन में है। मंत्री ने मुख्यमंत्री से इन भाषाओं को भी क्षेत्रीय भाषाओं की स्वीकृत सूची में शामिल करने का आदेश निर्गत करने का आग्रह किया है। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए उचित निर्णय लेने का आश्वासन दिया है।