रांची। झारखंड सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं के लिए नये सिरे से कार्यकारी समिति का गठन किया है। इसमें कहा गया है कि तीनों स्तरों पर कार्यकारी समिति का गठन संबंधित जिले के उपायुक्त द्वारा किया जायेगा। कार्यकारी समिति के गठन, कार्य, प्रक्रिया या किसी भी पहलु में आने वाली किसी कठिनाई को दूर करने के लिए दिशा-निर्देश निर्गत करने में पंचायती राज विभाग सक्षम होगा। इसकी अधिसूचना 10 अगस्त को पंचायती राज विभाग के संयुक्त सचिव शैल प्रभा कुजूर ने जारी कर दिया।
ये भी पढ़े: फर्जी डिग्रियों के सहारे सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच का बना अधीक्षक
अधिसूचना में कहा गया है कि झारखंड में त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं के आम चुनाव वर्ष 2015 में संपन्न हुए थे। पंचायत राज अधिनियम के प्रावधानों के अधीन विनिर्दिष्ट पांच वर्षों की अवधि खत्म होने पर ये संस्थाऐं विघटित हो गयी है। विघटन के बाद त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं के कार्य संचालन के लिए 07 जनवरी, 2021 द्वारा गठन की तिथि से अधिकतम छह माह तक की अवधि के लिए कार्यकारी समिति का गठन किया गया था।
कोविड-19 महामारी के कारण अद्यतन पंचायत चुनाव नहीं हो सके हैं। उक्त परिपेक्ष्य में झारखंड पंचायत राज (संशोधन) अध्यादेश- 2021 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के संबंध में आगामी निर्वाचन पूर्ण तक की अवधि के लिए लागू करते हुए पंचायतों के कार्य संचालन के लिए कार्यकारी समिति का गठन किया जाता है।
कार्यकारी समिति की व्यवस्था त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के आम निर्वाचन संपन्न हो जाने के बाद स्वतः समाप्त हो जायेगी। तीनों स्तरों पर कार्यकारी समिति का गठन संबंधित जिले के उपायुक्त द्वारा किया जायेगा। कार्यकारी समिति के गठन, कार्य, प्रक्रिया या किसी भी पहलु में आने वाली किसी कठिनाई को दूर करने के लिए दिशा-निर्देश निर्गत करने में पंचायती राज विभाग सक्षम होगा। इस अधिसूचना के आलोक में समितियों के गठन के साथ ही पूर्व की समितियां विलोपित समझी जायेंगी।
ये है आदेश
![](https://x1p.8b1.myftpupload.com/wp-content/uploads/2021/08/31pan.jpg)
![](https://x1p.8b1.myftpupload.com/wp-content/uploads/2021/08/31pan1.jpg)
![](https://x1p.8b1.myftpupload.com/wp-content/uploads/2021/08/31pan2.jpg)