नई दिल्ली। लाउडस्पीकर, जेनरेटर सेट और पटाखों से ध्वनि प्रदूषण करने वालों की अब खैर नहीं है। ऐसे लोगों से निपटने के लिए अब 10 हजार से लेकर 1 लाख रुपये तक भारी-भरकम जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने शनिवार को राजधानी में ध्वनि नियमों के उल्लंघन के लिए जुर्माने को संशोधित किया है। अब लाउडस्पीकरों और सार्वजनिक सूचना प्रणाली के माध्यम से शोर करने पर 10,000 रुपये तक का भारी जुर्माना लगाया जाएगा। आदेश के अनुसार, 1000 किलोवोल्ट-एम्पीयर (केवीए) से अधिक के डीजल जेनरेटर सेट के लिए 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा और बिना पूर्व अनुमति के अधिक आवाज करने वाले निर्माण उपकरणों के लिए 50,000 रुपये का जुर्माना होगा।
नए संशोधन के तहत ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले किसी भी माध्यम पर लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। साथ ही जेनरेटर सेटों के ध्वनि प्रदूषण के संबंध में कार्रवाई करने के भी आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा अब ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले प्लांट को भी जब्त कर लिया जाएगा। संशोधन के इस प्रस्ताव को एनजीटी ने भी स्वीकार कर लिया है।
ध्वनि प्रदूषण के लिए नई जुर्माना दरों के अनुसार, अब यदि निर्माण उपकरण निर्धारित मानकों से अधिक ध्वनि करते हैं तो 50,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा और उपकरण भी जब्त किए जाएंगे।
इसके अलावा रिहायशी या कॉमर्शियल इलाकों में पटाखे जलाते हुए पाए जाने वालों पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। हालांकि अगर साइलेंट जोन में पटाखे जलाए जा रहे हैं, तो वही जुर्माना 3000 रुपये होगा। इसके अलावा अगर सार्वजनिक रैलियों, शादी समारोहों और अन्य धार्मिक आयोजनों में पटाखों का इस्तेमाल किया जा रहा है तो रिहायशी और कॉमर्शियल जोन में 10,000 रुपये तक और साइलेंट जोन में 30,000 रुपये तक का जुर्माना होगा।
13 अगस्त, 2020 को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) को यह सुनिश्चित करने के लिए और कदम उठाने के निर्देश दिए थे कि लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए जमीनी स्तर ध्वनि प्रदूषण नियम लागू किए जाएं।