- कहा, पहले नौकरी और मुआवजा मिले, तब खनन करने देंगे
प्रशांत अंबष्ठ
बोकारो। सीसीएल के बीएंडके और ढोरी प्रक्षेत्र के अमलो मौजा स्थित पुरनाटांड़ के रैयत और विस्थापितों का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार को तेनुघाट से आए मजिस्ट्रेट सुजीत साव की मौजूदगी में बीएंडके प्रबंधन मशीन लेकर नाला डायवर्सन और मार्ग बनाने का काम करने आया था। तभी विस्थापितों ने आकर इसका विरोध किया। इसके बाद प्रबंधन ने काम बंद कर दिया।
नाला डायवर्सन और मार्ग निर्माण का विरोध होने की जानकारी पाकर कारो पीओ केडी प्रसाद, प्रबंधक जीएन सिंह, आउटसोर्सिंग इंचार्ज संजय सिंह और रेवेन्यू अधिकारी बीके ठाकुर मौके पर पहुंचे। पीओ केडी प्रसाद ने कहा कि भारत सरकार द्वारा सीबी एक्ट के तहत जमीन का अधिग्रहण किया है। काम रोकना और बाधा पहुंचाना कानून के खिलाफ है। माइंस विस्तारीकरण के काम को लोग बाधित नहीं करें। विस्थापितों का जो भी अधिकार है, वह उपलब्ध कराया जाएगा।
विस्थापितों ने कहा कि प्रबंधन पहले अधिकार दे, उसके बाद जमीन ले। विस्थापित दशरथ महतो, किशोर महतो, लोकनाथ महतो, कैलाश महतो, महेंद्र महतो, द्वारिका महतो, दिलीप सिंह, राजेश कुमार गुप्ता, बबीता देवी, आशीष हरि ने कहा कि सीसीएल प्रबंधन की नीति विस्थापितों के प्रति अच्छी नहीं है। प्रबंधन एक ओर विस्थापितों के साथ बैठक कर अधिकार देने की बात करता है। दूसरी ओर जबरन विस्थापितों की जमीन पर अतिक्रमण करना चाह रहा है।
प्रबंधन पूर्व में ही जमीन अधिग्रहण कर कई विस्थापितों को अधिकार से वंचित रखा है। अब जब तक प्रबंधन हम लोगों को हमारी जमीन के एवज में नियोजन और मुआवजा उपलब्ध नहीं कराता, तब तक जमीन पर सीसीएल को खनन करने के लिए नहीं देंगे।
आउटसोर्सिंग कंपनी के इंचार्ज सुशील अग्रवाल ने कहा कि आए दिन विस्थापितों द्वारा कार्य बंद करा देने से कोयला उत्पादन और ओबी का निस्तारण लक्ष्य के अनुरूप नहीं हो पाता है। प्रबंधन जमीन उपलब्ध कराये। लक्ष्य से ज्यादा उत्पादन होगा। मौके पर गुलाबी देवी, रिंकू देवी, चंपा देवी, चेतनी देवी, कौशल्या देवी, बुधनी देवी, मंजू देवी, जानकी देवी, झानू देवी, गोदली देवी, सरस्वती देवी, ललिता देवी, बंधनी देवी आदि मौजूद थे।