
राजस्थान प्रशासनिक सेवा में मेहनत और लगन के दम पर जोधपुर की सड़कों पर झाड़ू लगाने वाली निगम कर्मचारी आशा कंडारा का चयन एक मिसाल बन गया है। 8 साल पहले पति से अनबन के बाद दो बच्चों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी निभाते हुए आशा ने पहले ग्रेजुएशन किया। अब आरएएस क्लियर की।
आशा कंडारा ने आरएएस परीक्षा-2018 में अपनी कड़ी मेहनत के बूते 728वीं रैंक प्राप्त की। आशा ने मीडिया को बताया कि ‘मुझे प्रेरणा ताने सुनकर मिली। जब लोग यह बोलते हैं कि तुम कलेक्टर हो क्या? तुम्हारे मां बाप कलेक्टर हैं क्या? यहां मत बैठे या नीचे बैठों.. बहुत शोषण होता था।’ आगे कहा कि ‘कहते हैं जातिवाद नहीं है लेकिन जब इंसान फेस करता है तो उसे पता चलता है कि जातिवाद है कि नहीं। मैंने भी सोचा कि कुछ ऐसा किया जाए तो अलग हो..’ परीक्षा के 12 दिन बाद ही उसकी नियुक्ति सफाई कर्मचारी के पद हुई थी, हालांकि नतीजों के लिए दो साल इंतजार करना पड़ा।
इस दौरान सड़कों पर झाड़ू लगाई, पर हिम्मत नहीं हारी। आशा कंडारा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार जनों को दिया वहीं महापौर उत्तर कुंजी देवड़ा परिवार ने कहा कि आशा कंडारा का चयन नगर निगम के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि और प्रेरणादायक है।