रांची। कोविड में माता-पिता खो चुके बच्चों को भोजन और आवास की सुविधा मिलेगी। उन्हें गुणवत्तायुक्त शिक्षा भी उपलब्ध कराया जाएगा। इस बाबत झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य निदेशक डॉ शैलेश कुमार चौरसिया चौरसिया ने दिया है। उन्होंने इस संदर्भ में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किया है। इसकी सूचना 19 जुलाई को सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी सह जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, सभी जिला शिक्षा अधीक्षक-सह-अपर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को दी है।
डॉ चौरसिया ने पत्र में लिखा है कि कोविड-19 महामारी के दौरान माता-पिता के निधन के कारण उन बच्चों की भोजन एवं आवास से संबंधित समस्या का निराकरण किया जाना है। सभी को 7 जनवरी, 2021 के मार्गनिर्देश के आलोक में गुणवत्ता शिक्षा उपलब्ध करायी जानी है। अपने पत्र में उन्होंने मुख्य सचिव को संबोधित भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के आदेश का भी उल्लेख किया है। निदेशक ने लिखा है कि इन बिन्दुओं पर अपने स्तर से विशेष ध्यान देते हुए यथाशीघ्र कार्रवाई कर सूचित करेंगे।
ये सुविधाएं मिलेगी बच्चों को
समग्र शिक्षा के अंतर्गत संचालित गतिविधियों के अंतर्गत विद्यालय में नामांकन कराना है।
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में आवासीय सुविधा के साथ कक्षा 6 से 12 तक में अभिवंचित वर्ग, अनुसूचित जाति-जनजाति, अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्ग एवं गरीबी रेखा से नीचे बसर करने वाले छात्राओं का नामांकन कराया जाय।
वैसे बच्चे जिनके माता-पिता नहीं हैं, उन बच्चों का नामांकन नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालय छात्रावास में कराया जाय।
निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के अंतर्गत अभिवंचित एवं कमजोर वर्ग के बच्चों का नामांकन नजदीकी विद्यालय में कराया जाय।
सभी सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के अंतर्गत निःशुल्क शिक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।
सभी सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त प्रारंभिक कक्षाओं में मध्याह्न भोजन योजना सुनिश्चित की जाय।
प्रवासी बच्चों के लिए उपलब्ध कराये गये मार्गनिर्देश के आलोक में उक्त बच्चों की शिक्षा व्यवस्था की जाय।
कोविड महामारी से प्रभावित बच्चों को मनोवैज्ञानिक, सामाजिक सहयोग एवं
उनकी जरूरतों पर ध्यान दिया जाना है।
विद्यालयों में शिक्षकों का पहला स्थान है, जो विद्यार्थियों एवं उनके परिवार के संबंध में जानकारी रखते हैं। ऐसे शिक्षकों को वैसे बच्चों के परिवार की जानकारी रखने के लिए प्रशिक्षित किया जाय, जिन्होंने माता/पिता या दोनों को कोविड महामारी के दौरान खो दिया है।
वैसे सभी शिक्षकों को इस बात की भी जानकारी दी जाय कि यदि इस संबंध में कोई जानकारी मिलती है तो उसकी सूचना 1098 पर अविलंब उपलब्ध कराये।
चाईल्ड वेलफेयर समिति वैसे बच्चों की देखरेख एवं पुर्नवास की व्यवस्था सुनिश्चित करेगी।
जिला शिक्षा पदाधिकारी अपने जिले के ऐसे बच्चों से संबंधित सूचना का संकलन करते हुये राज्य कार्यालय को एक माह के अंदर उपलब्ध करायेंगे। समाज कल्याण विभाग से आवश्यक समन्वय/सहयोग करते हुए इन बच्चों को आवश्यक शैक्षिक सुविधाएं मुहैया करायेंगे।