भाजपा ने सीएम से पूछा, बताएं ऑक्सीजन के अभाव में झारखंड में कितनी मौत हुई

झारखंड
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रांची। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश ने ऑक्सीजन से मौत मामले में राज्य सरकार पर कड़ा हमला बोला। उन्‍होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ये बताएं कि राज्य में ऑक्सीजन के अभाव में कितने लोग मरे हैं। केवल थोथी बयानबाजी से जनता को सरकार गुमराह नहीं करें।

प्रदेश अध्‍यक्ष ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने लोकसभा और राज्यसभा ऑक्सीजन से मौत पर जो बयान दिए हैं, वह देश के विभिन्न राज्य सरकारों से मिली रिपोर्ट के आधार पर दिए हैं। किसी भी सरकार ने अपने राज्य में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत की बात स्वीकार नहीं की है। इसमें कई कांग्रेस शासित सरकारें भी शामिल हैं। स्वास्थ्य सेवा राज्य का विषय है। इसलिये राज्य सरकार की रिपोर्ट को ही बयान में आधार बनाया गया है। झारखंड सरकार को अपनी रिपोर्ट बतानी चाहिये कि उनका आंकड़ा क्या है? उन्होंने केंद्र को क्या रिपोर्ट भेजी है।

मौत के लिये राज्य सरकार जिम्मेवार

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश भाजपा ने राज्य सरकार के कुप्रबंधन को पहले दिन से ही लगातार उजागर किया है। कोरोना संकट में लोग कैसे अस्पतालों में बेड के अभाव, आवश्यक दवाइयों की कमी, वेंटिलेटर की कमी, ऑक्सीजन की उपलब्धता, रेमेडीसीवीर इंजेक्शन आदि के विषय मे सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया है। केंद्र सरकार ने हर संभव सहायता उपलब्ध कराई है। परंतु राज्य सरकार ने सुबिधाओं के प्रबंधन की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। एक साल पूर्व स्वीकृत ऑक्सीजन प्लांट स्थापित नहीं किये गए। वेंटीलेटर को कबाड़ में फेंक दिया गया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का सिर्फ एक एजेंडा अपनी नाकामियों को छिपाने के लिये केंद्र पर दोषरोपन।

टीकाकरण में भी भ्रम फैलाया

प्रदेश अध्‍यक्ष ने कहा कि झारखंड ने सिर्फ कोरोना के इलाज में लापरवाही नहीं बरती, बल्कि इसके बचाव केलिये चल रहे टीकाकरण अभियान पर भी भ्रम फैलाया। जानबूझकर टीकों की बर्बादी की गई। राज्य टीका बर्बादी में अव्वल राज्य बन गया। आपदा में भी राज्य सरकार जनता की सेवा के बजाए दोषारोपण में व्यस्त रही। सरकार स्वास्थ्य सुबिधा के बदले कफन बांटने का निर्णय लेती रही।

सस्ती लोकप्रियता इनकी पहचान

आज ऑक्सीजन की कमी से मौत पर बयानबाजी करने वाले वही लोग हैं, जो केंद्र सरकार के द्वारा भेजे गए ऑक्सीजन ट्रैन को हरी झंडी दिखा रहे थे। पूरे कोरोना संकट में सिर्फ बयानबाजी करने वाले लोगों की पहचान सस्ती लोकप्रियता बटोरने की है।