एएसआई को सर्वे में मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में मौजूद बकस्वाहा के जंगलों में रॉक पेंटिंग होने के पुख्ता प्रमाण मिले हैं। बकस्वाहा में जबलपुर हाईकोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के बाद जांच के लिए टीम पंहुची थी।
टीम को वहां जाँच में पाषाण काल और मानव इतिहास के पहले के काल की तीन रॉक पेंटिंग मिली है, यह 30 हजार साल पुरानी बताई जा रही है। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के रजत भार्गव और डॉ पीजी पाण्डे ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में बकस्वाहा के जंगलों में मिली रॉक पेंटिंग को संरक्षित करने के लिए याचिका लगाई थी। याचिका में कहा गया, बकस्वाहा में हीरा खनन की अनुमति देने से मानव इतिहास कालीन पाषाण युग की रॉक पेंटिंग को नुकसान हो सकता है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि सरकार के बकस्वाहा के जंगल में लगभग 382 हेक्टर वनभूमि में हीरा खनन की इजाजत देने से रॉक पेंटिंग को नुकसान हो सकता है। इस याचिका पर सुनवाई के बाद एएसआई को बकस्वाहा के जंगल में जांच पड़ताल करने को कहा था।