कोविड महामारी से स्वयं को बचाने के लिए योग वरदान है : पीएन सिंह

झारखंड
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रांची। डोरंडा महाविद्यालय (रांची) की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के तत्वावधान में 22 जून, 21 को ‘कोविड-19 महामारी के दौरान योग का महत्व’ विषय पर एक वेबिनार आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता प्राचार्या डॉ जेबा ने की।

मुख्य वक्ता योग गुरु पीएन सिंह ने कहा कि कोविड-19 महामारी से स्वयं को बचाने के लिए  योग वरदान है। तनाव, अनिद्रा, भय को समाप्त करने में योग की महती भूमिका है। जिसने भी योग को अपनी दिनचर्या एवं जीवन शैली में शामिल किया है, वो काफी सुरक्षित है। उन्होंने योग की विभिन्न मुद्राओं और उनसे मिलने वाले लाभों को विस्तार से बताया। सभी से इंद्रधनुष के समान नियमित भोजन करने की भी अपील की।

विशिष्ट वक्ता योग गुरु इंद्रनील चक्रवर्ती ने कहा कि इस महामारी में संतुलित खान-पान के साथ नियमित योग के कारण हम अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकते हैं। योग की क्रियाओं को बताते हुए प्राणायाम, अनुलोम-विलोम, कपाल भारती, भ्रामरी, भुजंगासन, धनुरासन, पश्चिमोत्तासन एवं सूर्य नमस्कार से होने वाले फायदे की जानकारी दी। योग करने की अपील की।

अध्यक्षीय संबोधन में प्राचार्या डॉ जेबा ने कहा कि योग का महत्व प्राचीन काल से चला आ रहा है। नियमित योग करने से काम करने से थकान महसूस नहीं होता है। इस महामारी में जिस प्रकार ऑक्सीजन स्तर कम हुआ और फेफड़ा संक्रमित हुए है, ऐसी परिस्थिति में योग एक संपूर्ण समाधान है।

विशिष्ट अतिथि एनएसएस (आरयू) के कार्यक्रम समन्वयक डॉ ब्रजेश कुमार ने कहा कि पूरी दुनिया में योग का महत्व बढ़ा है। सभी लोग इसको अपनी दिनचर्या में शामिल कर रहे हैं। उन्होंने युवाओं से योग करने एवं अन्य लोगों को इससे जोड़ने में भूमिका निभाने का आह्वान किया।

कार्यक्रम का संचालन एनएसएस डोरंडा महाविद्यालय की कार्यक्रम पदाधिकारी शालिनी ने किया। वेबिनार को सफल बनाने में एनएसएस के स्वयंसेवक दिवाकर आनंद, शालू, निधि, प्रीति, सूरज, श्रीकांत, आभास, केशव, पवन, कंचन, दीप्ति‍, प्रितेश, अपर्णा आदि का योगदान रहा।