- अंतर जिला और जिले के अंदर बस सेवा पर रोक, अब ई-पास की अनिवार्यता खत्म
- कम संक्रमण वाले 15 जिलों में कुछ शर्तों के साथ सभी दुकानों को खोलने की इजाजत
- सभी जिलों में सभी दुकानें (दवा दुकान को छोड़कर) अपराहन दो बजे तक ही खुलेंगी
रांची। राज्य में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह अब दस जून के सबेरे छह बजे तक प्रभावी रहेगा। इस दौरान पहले से लागू पाबंदियां में कुछ रियायतें दी गई हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आज आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक में तीन जून की सुबह छह बजे समाप्त हो रहे स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह की अवधि को एक सप्ताह बढ़ाने का निर्णय लिया गया। इस बैठक में अंतर जिला और जिले के अंदर ई-पास की अनिवार्यता खत्म करने का निर्णय लिया गया। वही इंटर स्टेट और इंटर डिस्ट्रिक्ट बस परिवहन सेवा पर रोक जारी रहेगी।
दो श्रेणियों में जिलों का बांटकर दी जाएगी रियायत
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह का असर है कि राज्य में संक्रमण की दर और कोरोना से होनेवाली मौत की दर में लगातार गिरावट आ रही है। हालांकि, अभी भी पूरी सतर्कता बरती जाएगी। फिलहाल परिस्थियों का आकलन करने के बाद राज्य के सभी 24 जिलों को दो श्रेणियों में बांटकर स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह में शर्तों के साथ कुछ रियायत देने का निर्णय लिया गया है। एक सप्ताह के बाद परिस्थितियों का आकलन करते हुए स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह पर आगे फैसला होगा।
ये मिलेंगी रियायतें
ज्यादा संक्रमण वाले 9 जिले- बोकारो, धनबाद, पूर्वी सिंहभूम, देवघर, रांची, हजारीबाग, गढ़वा, गुमला और रामगढ़ में कपड़ा, कास्मेटिक, ज्वेलरी और जूता-चप्पल की दुकानें छोड़कर बाकी सभी दुकानें खुलेंगी। वहीं अन्य 15 जिलों में कुछ शर्तों के साथ सभी दुकानों को खोलने की इजाजत दी गई है। इन सभी 24 जिलों में सभी दुकानें (दवा दुकान को छोड़कर) अपराहन दो बजे तक ही खुली रहेंगी। वहीं किसी भी जिले में मॉल और मल्टी ब्रांड वाली दुकानें नहीं खुलेंगी। इसके अलावा स्विमिंग पूल, पार्क जिम, मेला, प्रदर्शनी, सिनेमा हॉल, मल्टीप्लेक्स, सलून,आदि पर पहले की तरह पाबंदी जारी रहेगी।
बैठक में ये भी मौजूद
इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आय़ुक्त-सह-अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, सचिव विनय कुमार चौबे, सचिव अमिताभ कौशल और सचिव अबुबकर सिद्दीकी मौजूद थे।