आनंद कुमार सोनी
लोहरदगा। झारखंड में एक अनोखी शादी हुई। इसमें दूल्हा 71 साल का और दुल्हन 65 साल की थी। मंडप और गाड़ी फूलों से सजाई गई। नाती, पोता, पोती बाराती थे। बेटा, बेटी, बहु-दामाद शादी के साक्षी बनें।
लोहरदगा की बदला पंचायत चंदकोपा में यह अनोखी शादी हुई। बेटे ने माता-पिता की शादी की 50वीं सालगिरह को यादगार बनाने के लिए इसका आयोजन किया। वर्षगांठ पर शादी की पूरी रस्म निभाई गई। लाइट, बैंड बाजा, कैमरा, जयमाला स्टेजे तक सजा। बाराती में नाती-पोते बेटा के अलावा दूर दराज से आये रिश्तेदार एवं आसपास क्षेत्र के लोग शामिल हुए।
रामौतार साहू (71) और उनकी पत्नी सुशीला देवी (65) के 3 पुत्र, 3 पोता और 6 पोतियां हैं। उनके पुत्र सुमंत कुमार साहू ने माता-पिता को सम्मान देने और शादी की 50वीं वर्षगांठ को यादगार बनाने के लिए इसका आयोजन किया। इस अवसर पर शादी के दौरान होने वाले जयमाला से लेकर वाली सभी तरह की रम्स निभाई गई।
माता-बाप की बारात के लिए बेटे ने एक दिन पहले ही नई गाड़ी खरीदी। उसी में अपने माता-पिता को बैठा कर बारात जैसा घुमाया। पूरे गांव और मंदिरों में बाहर से माथा टेका। रिश्तेदारों के साथ दरवाजा लगाया गया। जयमाला हुआ। वृद्ध दंपति ने एक दूसरे को अंगूठी पहनाई। केक काटा गया। शादी के मौके पर दोनों पक्ष मिले।
दूल्हा बनें पिता ने कहा कि आज बेहद खुशी महसूस कर रहा हूं। मेरे बेटे के जैसा ही सभी का पुत्र हो, जो अपने माता-पिता का ख्याल रखे। उन्हें इज्जत और खुशियां दें। वहीं दुल्हन बनीं माता ने कहा कि आज मेरे पुत्र ने वह काम कर दिया, जो मेरे पिता नहीं कर सके थे। 1970 के दशक में ये तामझाम नही हुआ करता था। हमारी बारात बैलगाड़ी में आयी थी।