शिक्षक संघ का आग्रह, छात्रहित में एसएमसी बैंक खाते की राशि को तत्काल वापस नही लें

झारखंड
Spread the love

रांची। प्रदेश के समस्त प्राथमिक और मध्य विद्यालय के एसएमसी खाता को शून्य करते  हुए शेष राशि जिला कार्यालय को 15 जून तक वापस करने का आदेश झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक ने दिया है। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने छात्रहित में एसएमसी बैंक खाते की राशि तत्‍काल वापस नहीं लेने की मांग की है। संघ के सदस्‍यों का कहना है कि इससे विद्यार्थियों को चालू सत्र में कई लाभ से वंचित होना पड़ेगा।

इस संबंध में संघ के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र चौबे, महासचिव राममूर्ति ठाकुर व मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने निदेशक को ज्ञापन सौंपा है। इसमें उन्‍होंने कहा है कि तत्काल राशि वापसी से छात्र-छात्राओं को सत्र 2021 के कई योजनाओं के लाभ से विमुख होना पड़ सकता है। क्योंकि इन योजनाओं की राशि मार्च, 2021 में ही एसएमसी खातों में उपलब्ध कराई गई है। मार्च के तीसरे सप्ताह से कोविड संक्रमण के आलोक में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह राज्य में लागू कर दिया गया। यह अब तक प्रभावी है। इस कारण निम्न मद योजनाओं की राशि अब तक व्यय नहीं की जा सकी है। वह एसएमसी खाते में ही है। पोशाक वितरण, कल्याण छात्रवृत्ति, विद्यालय अनुदान और अन्य चालू भवन निर्माण की राशि खाते में पड़ी है।

संघ के पदधारियों ने कहा कि पोशाक वितरण की राशि एवं अन्य मदों की राशि स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के प्रारंभ होने के कारण उपयोग में नहीं लाई जा सकी। पोशाक क्रय से संबंधित निर्देश जिलों को मार्च, 2021 में ही विद्यालयों के लिए दिए गए। इसके तहत स्वयं सहायता समूह/  महिला मंडल/ सखी मंडल से ही पोशाक क्रय  किया जाना था। हालांकि कोविड-19 संक्रमण से उत्पन्न आपदा दिशानिर्देशों के अनुपालन से यह अब तक पूर्ण नहीं किया जा सका है। साथ ही, विद्यालय बंद रहने के कारण अन्य योजनाओं का क्रियान्वयन भी प्रभावित रहा। बीते दिनों से बाजार भी बंद हैं।

इस संबंध में संघ ने निदेशक से राशि की वापसी की निर्धारित अवधि को तत्काल विस्तारित करने पर विचार करने का आग्रह किया है, ताकि उक्त योजनाओं का लाभ बच्चों तक पहुंचाया जा सके। अवधि विस्तार नहीं किए जाने की स्थिति में सत्र 2021 की योजनाओं के लाभ से बच्चों को वंचित रहने की दिशा में एसएमसी को जवाबदेह नहीं बनाए जाने की ओर विचार किया जाना श्रेयस्कर होगा। साथ ही अवधि विस्तार के निवेदन को अमान्य किए जाने की स्थिति में उक्त सत्र की योजनाओं का लाभ बच्चों तक किस रूप में पहुंचाया जा सकेगा, इस बाबत निर्देश की अपेक्षा है। निर्देश ससे संबंधित अभिभावकों की जिज्ञासा पूर्ण की जा सकेगी।