रांची। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ झारखंड प्रदेश (प्राथमिक प्रकोष्ठ) शिक्षकों की समस्याओं के निराकरण का हर स्तर पर पहल करेगा। महासंघ की राज्य भर के प्रतिनिधियों की जूम मीटिंग रविवार को हुई। इसमें शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा हुई। सर्वसम्मति ये निर्णय लिया गया कि ईमेल, ट्विटर और वार्ता के माध्यम से महासंघ सरकार को मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपेगा।
मीटिंग में संयोजक आशुतोष कुमार, विजय बहादुर सिंह, भुवनेश्वर मुंडारी, अजीत चौरसिया, प्रदीप हिंद , नवनीत गौर, राम कुमार झा, प्रवीण राय के साथ गोड्डा, बोकारो, रामगढ़, लोहरदगा, कोडरमा, धनबाद, जमशेदपुर, दुमका, देवघर, पलामू, लातेहार, गिरिडीह, चतरा, गुमला आदि जिलों के शिक्षक प्रतिनिधि शामिल हुए। प्रदेश मीडिया प्रभारी अरुण कुमार दास ने संचालन किया। मौके पर वर्तमान वैश्विक महामारी कोविड-19 से दिवंगत होने वाले शिक्षकों को श्रद्धांजलि दी गई।
ये बातें उभरकर सामने आई
कोविड-19 से दिवंगत होने वाले शिक्षक के परिजनों को राज्य सरकार की घोषणा के अनुरूप लाभ दिलाने के लिए महासंघ कृतसंकल्पित है। इसके लिए लगातार विभागीय पदाधिकारियों से संपर्क स्थापित कर रहा है। इसके अतिरिक्त वर्तमान में कोरोना पॉजिटिव के प्रति पूर्ण संवेदनशीलता के साथ मदद को हर संभव तैयार है।
सरकार सभी शिक्षकों को कोरोना योद्धा घोषित करते हुए नियमानुसार स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराए।
गर्मी छुट्टी में भी सभी शिक्षक अपने विद्यालय के बच्चों के बीच ऑनलाइन माध्यम से शिक्षण कार्य के साथ भौतिक रूप से पुस्तक वितरण आदि कार्यालयीय कार्य को सुचारू ढंग से संपादित कर रहे हैं। इसके मद्देनजर महासंघ ने सरकार से राज्य के अन्य कर्मियों के समान शिक्षकों को भी 33 दिनों का अर्जित अवकाश स्वीकृत करने की पुन: अपील की। बदले में शिक्षकों को देय ग्रीष्मावकाश को रद्द करने की अपील की।
वर्तमान स्वास्थ्य चुनौतियां को देखते हुए राज्य कर्मी एवं शिक्षकों को मिलने वाले मेडिकल एलाउंस के स्थान पर अनिवार्य रूप से स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत लाने की अपील सरकार से की। कोविड संक्रमण से अस्पतालों में जूझ रहे शिक्षक एवं कर्मचारियों को आर्थिक सहायता, गंभीर स्थिति वाले शिक्षक व कर्मियों को विशेष सहायता मुहैया कराने की अपील की। इस संबंध में महासंघ ने मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री को ट्विटर के माध्यम से संज्ञान लेने का अनुरोध किया है।
सांगठनिक रूप से महासंघ ‘कुटुंब एप’ के माध्यम से राज्य के सभी जिलों में सदस्यता अभियान चलाएगा। सभी सदस्यों को एक विशेष आईडी मुहैया कराएगा, ताकि उनके सभी समस्याओं का त्वरित समाधान किया जा सके। वर्ष, 2004 में नियुक्त वैसे शिक्षक जो अभी तक पुरानी पेंशन का लाभ नहीं ले सके हैं, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर पेंशन दिलाने के लिए सरकार के स्तर पर वार्ता की जाएगी।